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बच्चों के शराब पीने से जा सकती है याददाश्त, शोध

 

जयपुर. पाश्चात्य संस्कृति के अनुसरण को लेकर आजकल बच्चे टीन एज यानी बीस साल की उम्र से पहले ही शराब का सेवन करने लग जाते है। हम हमेशा से सुनते आ रहे है कि शराब का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है। साथ यह चेतावनी शराब सहित सभी नशे के मादक पदार्थों पर लिखित में आती है, लेकिन इससे पीने वाले पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। ताजा ही हुए एक शोध से पता चला है कि कम उम्र में शराब पीने से याददाश्त जाने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा  इससे लीवर पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही कम उम्र में शराब का सेवन करने से मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता है।

शोध में यह तथ्य सामने आया है कि कम उम्र में शराब का सेवन अल्पकालिक मेमोरीज पर बुरा असर डालती है। इससे दिमाग की उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है जो अल्पकालिक मेमोरिज के लिए जिम्मेदार होती है। न्ययार्क के कोलंबिया स्थित विश्वविद्यालय में इसका शोध किया गया है। शोध कर्ता माईकेल सेलिंग के अनुसार प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स किशोर अवस्था के दौरान परिपक्व होता है। जो व्यवाहर में निभाने की क्षमता को नियंत्रित करता है। कम उम्र में शराब पीने से इस पर विपरित असर पड़ता है। जिससे आगे जाकर यह पूर्ण रूप से काम करना कम कर देती है। परिणामस्वरूप याददाश्त पर गलत असर पड़ने लगता है।

माइकेल का कहना है कि एल्कोहेल के सेवन से दिमाग के पीएफसी पायरामिडल न्यूरोंस के कार्य प्रणाली में बदलाव आ जाता है। जो दिमाग के अन्य हिस्सों से पीएफसी से जोड़ती है। शराब से यह गुण प्रभावित होनें लगता है। इसके प्रभाव से व्यवाहर पर काफी गलत असर जाता है। और बच्चा अपनी याददाश्त को खोता जाता है। जो आगे जाकर उसके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। शोध कर्ताओं ने अपने शोध के बाद ये पेरेंटस को आगाह करते हुए कहा कि नशे की लत को लेकर टीनएज तक सतर्क रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस उम्र में लगी हुई लत को छुड़ाना काफी मुश्किल हो जाता है। साथ उन्होंने कहा कि इस दौरान बच्चें का दिमागी विकास चरम पर होता है। इसलिए इस समय में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।