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चॉकलेट कैंडी डे : पीरियड्स पेन से लेकर हार्ट डिजीज तक में फायदेमंद डार्क चॉकलेट

 

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में 28 दिसंबर को चॉकलेट कैंडी डे मनाया जाता है। चॉकलेट को ज्यादातर लोग स्वादिष्ट मिठाई के विकल्प के रूप में भी जानते हैं, लेकिन इसका इतिहास बहुत पुराना है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। खासकर डार्क चॉकलेट में कोको की मात्रा ज्यादा होने से यह कई बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होती है।

चॉकलेट का नाम 'चोकोलाटल' या 'जोकोआटल' से आया है, जो प्राचीन माया भाषा से लिया गया है। कोको की खेती हजारों साल पुरानी है। सबसे पुराना प्रमाण लगभग 1,100 ईसा पूर्व का है। शुरुआत में कोको के बीजों को पीसकर एक कड़वा पेय बनाया जाता था, जिसे शासक वर्ग चिकित्सा के लिए इस्तेमाल करते थे। मेसो अमेरिका के लोग इसे दवा की तरह पीते थे। बाद में यूरोप में पहुंचकर यह मीठी चॉकलेट कैंडी के रूप में लोकप्रिय हुई।

अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, कोको में फ्लेवोनोइड्स नाम के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जैसे कैटेचिन, एपिकैटेचिन और प्रोसायनिडिन। ये शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करते हैं, सूजन घटाते हैं और दिल की सेहत सुधारते हैं। रिसर्च दिखाती है कि डार्क चॉकलेट ब्लड प्रेशर कम कर सकती है, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करती है और हार्ट अटैक का खतरा भी घटाती है।

कोको पीने से हाइपरटेंशन, डायबिटीज, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियां कम होती हैं। महिलाओं के लिए खास अच्छी खबर है कि डार्क चॉकलेट पीरियड्स के दर्द में राहत दे सकती है। इसमें मैग्नीशियम ज्यादा होता है, जो मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और प्रोस्टाग्लैंडिन्स (दर्द पैदा करने वाले कंपाउंड्स) को कम करता है। कई स्टडीज में पाया गया कि पीरियड्स के दौरान डार्क चॉकलेट खाने से दर्द कम होता है और मूड भी बेहतर रहता है। यह एंडॉर्फिन्स बढ़ाकर खुशी का अहसास देती है।

इसके अलावा कोको नसों की सूजन कम करती है, स्किन को यूवी किरणों से बचाती है, पाचन सुधारती है और दिमाग की क्षमता बढ़ाती है। हालांकि, ज्यादा चॉकलेट खाने से कैलोरी बढ़ सकती है और वजन का खतरा हो सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में खाना बेहतर है। डायबिटीज के मरीजों को भी चॉकलेट से परहेज करना चाहिए।

--आईएएनएस

एमटी/एबीएम