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डायबिटीज़ के इलाजे लिए कौनसी चिkiत्सा पद्धति है बेहतर क्या किया जा सकता

 

जयपुर । डायबिटीज़ इसको हम मधुमेह या शुगर के नाम से भी जानते हैं । यह बीमारी बहुत ही गंभीर जानलेवा बीमारियों से एक है पर बहुत कम लोग इस बात को जानते है की डायबिटीज़ बहुत ही घातक बीमारियों मेन से एक है यहाँ तक की लोगों को इस बात की जानकारी भी नही है की यह उन बीमारियों मेन से एक है जिसका कोई इलाज़ ही नही है हाँ इसकी रोकथाम की जा सकती है और यदि उचित ढंग से दवाओं और परहेज का ध्यान रखा जाए तो इस बीमारी को बढ्ने से रोका जा सकता है ।

आज दुनिया भर में हर बीमारी का इलाज़ करने क्ले लिए कई तरह की पद्धति का अनुसरण किया जात है । इतना ही नही देखने में आया है की लोगों को जानकारी ही नही है की किस तरह की पाद्धति से इलाज़ इस बीमारी में अच्छा रहेगा । किस इलाज़ से ज्यादा और जल्दी फायदा होगा । आइसा नही है की हम आप पर कोई दबाव दाल रहे हैं । हम बस आज आपको बताने जा रहे है की किस पद्धति का इलाज़ आपको असामय तक और कितना फायदे मंद रहता है ।

डाबिटीज़ का इलाज़ एलोपेथिक में :- एलोपेत्झिक को सारी दुनिया बहुत शिद्धत से कम में लेती है कोई भी बीमारी होगी नही की एक दावा खाई और बस काम हो गया । यही ही बात होती है डायबिटीज़ के साथ भी । डायबिटीज़ की बीमारी क्मेन लोगों को खाना खाने से पहले शुगर की दावा का सेवन करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है । वह जब भी भोजन करने बैठते हैं उससे कुछ देर पहले याद से दावा खाना बहुत जरूरी है । वौर यदि बीमारी बहुत ज्यादा है तो उनको इंजेक्शन लेने पड़ते हैं यादी कभी भूल गए और याद न रहा इंजेक्शन नही लिया और सीधा भोजन कर लिया तो शुगर लेवेल बढ्ने से रोगी की मौत भी हो सकती है । इतना ही नही इन दवाओं के कई तरह के साइड एफ़्क्त भी देखने को मिलते हैं । कई कई बार शुगर कम करने की दावा के साथ में करवाए गए परहेज के कारण लोगों को अचानक से शुगर कम हो जाने की भी परेशानी हो जाती है । इतना ही नही इसका इलाज़ आपको जीवन भर लेना पड़ेगा और तो और यह इलाज़ कभी भी आपको धोका भी दे सकता है इसके कारण हुए सईद इफेक्ट को कम करने के लिए आपको और बाकी की दवाओं का सेवन करना पड़ेगा ।

डायबिटीज़ का इलाज आयुर्वेद में :- आयुर्वेद में कोई भी बीमारी का इलाज़ जब किया जाता है तो उस बीमारी की ऊपरी परत को नही बल्कि अंदर की जड़ को खतम करने के लिए काम किया जाता है । उसमें जो भी दवाओं का सेवन करवाया जाता है उसमें आपको इस तरह का खतरा नही झेलना पड़ता है की यदि आपने सीधा भोजन कर भइयो लिया तो आपकी मौत हो9 जाये । इसमें जो दवाएं दी जाती है वह हमेशा आपके ब्लड शुगर पर काम करती हैं । जैसे सुबह में करेले के जूस का सेवन करना , जामुन और उसकी9 गुठली से बने कुरान का सेवन करना । यह दवाएं असि है जिंका सेवन करने से न सिर्फ शुगर नियंत्रण में होती है बल्कि खून भी साफ होता है और यह आपको ज्यादा बीमार होने से रोकते हैं । इनके कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे जाते । इतना ही नही आयुर्वेद में डायबिटीज़ की बीमारी को नियंत्रण में करने के लिए लगभग 60 तरह के इलाज़ है जिनको आप घर पर आसानी से अपना सकते हैं ।
कॉसटस इग्नेउस नाम के पौधे को लोग इंसुलिन के पौधे के नाम से जानते हैं। हो सकता है आपको ये सभी बातें मिथ्या लगें लेकिन सच यह है कि आधुनिक विज्ञान भी इस इंसुलिन के पौधे के गुणों पर अपनी मुहर लगा चुका है।
होम्योपेथिक :- बात करें होम्योपेथिक की तो होम्योपेथिक ने द्व किया है की वह इस बीमारी को खतम कर सकता है । पर यह दावा कितना हद तक सही है यह कोई नही जनता । काई लोगों को हगोम्योपेथिक की दवाओं से साइड इफेक्ट भी हो0 जाते हैं जिसके चलते इस पद्धति को अपनाना सही है या नही यह रोगी पर निर्भर करता है ।
सलाह :- आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और इसमें इलाज़ की प्रक्रिया ना सिर्फ आपको डायबी9तीज से बचाता है बल्कि इसके साथ होने वाले आउर भी कई रोगों से आपकी रक्षा कार के राखता है । इसकीदावाएन ना आपको किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचती है । इसलिए समझदारी इसी क्मेन है की आयुर्वेद को अपनाया जाए ।

आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और इसमें इलाज़ की प्रक्रिया ना सिर्फ आपको डायबी9तीज से बचाता है बल्कि इसके साथ होने वाले आउर भी कई रोगों से आपकी रक्षा कार के राखता है । इसकीदावाएन ना आपको किसी भी प्रकार का नुकसान पहुँचती है । इसलिए समझदारी इसी क्मेन है की आयुर्वेद को अपनाया जाए । डायबिटीज़ के इलाजे लिए कौनसी चिkiत्सा पद्धति है बेहतर क्या किया जा सकता