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स्पैम कॉल्स और फर्जी मैसेजेस को लेकर एक्शन में आई TRAI, 2.75 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर कर दिए ब्लॉक 

 

टेक न्यूज़ डेस्क -पिछले कुछ सालों में स्पैम कॉल की समस्या बढ़ी है। इसे रोकने के उपाय बहुत कारगर नहीं रहे हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों ने 2.75 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं। इसके साथ ही कई फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ट्राई ने एक बयान में कहा, "दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने स्पैम कॉल करने के लिए दूरसंचार कनेक्शन का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।

स्पैम कॉल से संबंधित 2.75 लाख से अधिक दूरसंचार कनेक्शन काट दिए गए हैं। इसके साथ ही 50 से अधिक फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।" इस साल की पहली छमाही में ट्राई को अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स से स्पैम कॉल की 7.9 लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं। पिछले महीने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स से प्रमोशनल कॉल रोकने के सख्त निर्देश दिए गए थे। ट्राई को उम्मीद है कि इससे स्पैम कॉल में कमी आएगी और यूजर्स को राहत मिलेगी।

ट्राई के पिछले महीने दिए गए निर्देशों के अनुसार, देश की सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स या अपंजीकृत सेंडर्स से प्री-रिकॉर्डेड, कंप्यूटर जनरेटेड या अन्य प्रकार की स्पैम कॉल्स को रोकना होगा। इस नियम को तोड़ने वालों के लिए परिणाम भी तय किए गए थे। ट्राई ने कहा था कि अगर कोई अपंजीकृत टेलीमार्केटर स्पैम कॉल्स में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे फोन कनेक्शन खोने पड़ सकते हैं। ट्राई ने स्पैम कॉल्स की समस्या को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। ट्राई ने कहा है कि स्पैम कॉल्स भेजने वाले को ब्लैकलिस्ट करने से जुड़ी सूचना ओरिजिनेटिंग एक्सेस प्रोवाइडर (ओएपी) से लेकर अन्य सभी एक्सेस प्रोवाइडर्स को 24 घंटे के अंदर मिल जाएगी।

इसके बाद स्पैम कॉल्स करने वाले सेंडर के सभी टेलीकॉम कनेक्शन काट दिए जाएंगे। इसके अलावा कमर्शियल वॉयस कॉल्स करने वाले अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स को यह नोटिस जारी होने के 30 दिनों के अंदर ट्राई के ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। टेलीकॉम कंपनियों ने स्पैम कॉल्स से निपटने के लिए कुछ क्षेत्रों में कॉलर आईडी सेवा का ट्रायल शुरू कर दिया है। इससे फर्जी और स्पैम कॉल्स को रोकना आसान हो सकता है।