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आज की युवा पीढ़ी को स्लीप टेक्सटिंग बनती जा रही है अपना शिकार

 

जयपुर । आपने नींद में बात करने की बीमारी के बारे में तो सुना ही होगा और यह भी सुना होगा की लोगों को नींद में चलने की बीमारी होती है पर क्या आपने सुना है की किसी को स्लिप टेक्सटिंग यानि नींद में संदेश भेजने की भी आदत होती है , आज कल मोबाइल कंप्यूटर का उपयोग बहुत ही ज्यादा बढ़ता जा रहा है जिसके कारण ज्यादा तर लोग सोते समय इसका इस्तेमाल करते है  बल्कि जब वह सोते हैं तो इसका उपयोग करते हुए ही अपनी नींद निकालते है और इतना ही नही अपने साथ तकिये की तरह इनको साथ ले कर सोते हैं ।

क्या आप जानते हैं की आज के समय में मोबाइल का उपयोग इस कदर बढ़ गया है की लोग इसके ऐसे आदि हो गए हैं की हम कुछ भी करें हमको सिर्फ और सिर्फ फोन चाहीए होता है यह एक बीमारी बन गया है और इसके कारण और भी बहुत सारी बीमारियाँ होती जा रही है किसी को नींद ना आने  की परेशानी  किसी को सर दर्द की परेशानी किसी की तो नींदों में भी उँगलियाँ चलाते रहने की आदत हो जताई है और इन्हीं सब परेशानियों में से आज के समय में होने वाली एक नई बीमारी  सामने आई है ।

आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं की कैसे एक बीमारी आपकी जान की दुश्मन बनती जा रही है आज हम बात कर रहे हैं स्लीप टेक्सटिंग के बारे में जिसका  शिकार आज की युवा पीढ़ी बहुत तेज़ी से होती जा रही है आइये जानते हैं  इस बीमारी के बारे में की की क्या होता है इसमें से ?

स्लीप टेक्सटिंग एक ऐसी अवस्था है, जिसमें व्यक्ति रात को नींद में उठकर किसी को भी मैसेज या मेल भेज देता है और उसे इसका पता ही नहीं चलता। इस अवस्था में भेजे गए मैसेज आमतौर पर अर्थहीन होते हैं। यह ठीक वैसी ही स्थिति है, जैसे कुछ लोग नींद में उठकर चलने लगते हैं।

इस परेशानी से बचने के लिए सोने से पहले अपने फोन को बंद कर दें या फिर उसे कहीं दूर रख दें।