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Online Payment करते समय जरूर रखे इन बातों का ध्यान, आसानी से कर पाएंगे असली-नकली QR Code में फर्क 

 

टेक न्यूज़ डेस्क - डिजिटल पेमेंट के दौर में मनी ट्रांसफर के लिए क्यूआर कोड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। ई-रिक्शा से लेकर बड़े मॉल तक में क्यूआर कोड के जरिए ही पेमेंट किया जाता है। पेमेंट के लिए इसके सबसे ज्यादा इस्तेमाल की वजह से अब स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स भी इसका इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए करने लगे हैं। अगर आप भी पेमेंट करने या करवाने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश से ऐसी घटना सामने आई थी जिसमें लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया गया। इसलिए क्यूआर कोड पर पेमेंट करने से पहले उसे वेरिफाई करना जरूरी है। अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो क्यूआर कोड को स्कैन करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

फ्रॉड से रहें सावधान
मध्य प्रदेश में सामने आई घटना में पेट्रोल पंप समेत कई दुकानों के क्यूआर कोड को फर्जी क्यूआर कोड में बदल दिया गया। इसके बाद जो भी व्यक्ति उन क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट करता है, उसकी रकम सीधे स्कैमर्स के अकाउंट में चली जाती है। ऑनलाइन फ्रॉड के इस तरीके में स्कैमर्स पेमेंट करने वाले ग्राहक की डिटेल भी चुरा लेते हैं। ऐसे में आपको ऑनलाइन पेमेंट करते समय सावधान रहने की जरूरत है।

इस तरह पहचानें असली और नकली क्यूआर कोड
ज़्यादातर क्यूआर कोड एक जैसे दिखते हैं। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट करते समय यह पहचानना ज़रूरी है कि वे असली हैं या नकली। नकली क्यूआर कोड से बचने के लिए आपको साउंड बॉक्स का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपके अकाउंट में पैसे पहुँच गए हैं, तो आपको साउंड बॉक्स से इसकी जानकारी मिल जाएगी।
अगर आप क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट कर रहे हैं, तो ट्रांजेक्शन से पहले उस पर दिख रहे नाम को दुकान के मालिक या जिसके लिए आप पेमेंट कर रहे हैं, उससे एक बार वेरिफाई कर लें। इस तरह आपको असली मालिक का नाम पता चल जाएगा।
अगर आपको किसी क्यूआर कोड को लेकर कोई संदेह हो रहा है, तो आपको सबसे पहले उस क्यूआर कोड को गूगल लेंस पर स्कैन कर लेना चाहिए। इससे आपको पता चल जाएगा कि वह क्यूआर कोड कहां रीडायरेक्ट हो रहा है।