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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए घातक होगा 5जी नेटवर्क, ये हैं वजह

 

जयपुर। इंटरनेट की अगली पीढ़ी यानि की 5 जी जिसका कईं देशों में परीक्षण जारी है और भारत में भी 5 जी अगल साल 2020 में दस्तक दे सकता है। भारत  में कईं कंपनीयां 5 जी का परीक्षण कर रहीं हैं। अभी तक हम भारत में 4 जी इंटरनेट और 4 जी नेटर्वक का इस्तेमाल कर रहे हैं। यानि की इंटरनेट की दुनिया की चौथी पीढ़ी। विषेशज्ञों द्वारा दावा किया है कि 5 जी के जमाने में इंटरनेट की स्पीड दस से बीस गुना बढ़ जायेगी। इसका मतलब आप पलक झपकते ही एक जीबी की फाइल को डाउनलोड कर सकतें हैं।
यह तकनीक पूरी तरह से रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी। ये तो इसके फायदे और सुवधाओं की बात हो गई लेकिन इससे मानव जीवन पर क्या हानिकारक प्रभाव पड़ने वाला है ये बात भी आपको जानना जरूरी है।

यह तो निश्चित है 5 जी तकनीक में हाई फ्रीक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल किया जायेगा। और इसकी रेंज 3.5 गीगी हर्टज से 25 गीगा हर्टज हो सकती है। फिलहाल भारत में 4 जी एलटीई बैंड की विड्थ 1800 मेगा हर्टज है। नेटवर्क का प्रसार होने के बाद रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) विकिरण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों के बारे में चिंता भी जताई जा रही है। 5जी नेटवर्क के शुरू होने पर जाहिर सी बात है मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ेगी और आरएफ सिग्नल की ताकत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में विकिरण से स्वास्थ्य खराब होने की आशंका भी है। कैंसर होने के चांज और भी ज्यादा बढ़ जायेंगे।
ग्रामीण क्षेत्र मेंज 5 जी का प्रभाव: अगर सरकार 5 जी नेटवर्क को ग्रामीण क्षेत्रों में लगाती है तो वहां पर फसलों और मवेशीयों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। हाई ​फ्रिक्वेंसी रेडियसन से फसलें उग नहीं पायेंगी। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठान पड़ सकता है।
​ये सुविधा किसानों को दे सकती है सरकार
अगर ​रेडियसन से फलस को नुकसान होने का खतरा है तो सरकार को किसानो के लिए फसल बीमा का प्रावधान कराना चाहिए। जिससे उनको होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। ये बात सोचने वाली है हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। आकपे सुझाव कमेंट बॉक्स में सादर आमंत्रित हैं।

5जी नेटवर्क के शुरू होने पर जाहिर सी बात है मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ेगी और आरएफ सिग्नल की ताकत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में विकिरण से स्वास्थ्य खराब होने की आशंका भी है। अगर सरकार 5 जी नेटवर्क को ग्रामीण क्षेत्रों में लगाती है तो वहां पर फसलों और मवेशीयों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। हाई ​फ्रिक्वेंसी रेडियसन से फसलें उग नहीं पायेंगी। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठान पड़ सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए घातक होगा 5जी नेटवर्क, ये हैं वजह