भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता 2030 तक 4-5 गुना बढ़ने का अनुमान : सरकार
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता लगभग 1,280 मेगावाट (एमडब्ल्यू) तक पहुंच गई है, जो मुख्य रूप से बैंकों, पावर और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्रों को सेवाएं दे रही है। सरकार ने शुक्रवार को संसद में जानकारी दी कि इस क्षमता में 2030 तक 4-5 गुना बढ़ोतरी हो सकती है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि भारत में डेटा सेंटर की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका कारण सरकार और निजी क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का तेजी से बढ़ता उपयोग और क्लाउड सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी है।
ग्लोबल टेक कंपनियां भारत में एआई और डेटा सेंटर इकोसिस्टम में काफी निवेश कर रही हैं। गूगल ने विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर का एआई हब बनाने की घोषणा की है, जो भारत में कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। वहीं, अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) महाराष्ट्र में 8.3 अरब डॉलर का डेटा सेंटर स्थापित कर रही है।
मंत्री ने कहा कि भारत एक सुरक्षित, बढ़ने योग्य और एआई-सक्षम क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है, ताकि डिजिटल गवर्नेंस, निजी क्षेत्र के सहयोग और नागरिक सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने बताया कि सरकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए नेशनल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया है, जिसे 'डिजिटल इंडिया' योजना के तहत स्थापित किया गया है।
'जीआई क्लाउड', जिसे मेघराज के नाम से जाना जाता है, एक सुरक्षित, स्केलेबल और बेहतरीन क्लाउड सर्विस प्रदान करता है, जो ई-गवर्नेंस सेवाएं देने के लिए उपयोग किया जाता है।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को क्लाउड सर्विसेज प्रदान करता है। अब तक, 2,170 मंत्रालयों और विभागों ने अपनी क्लाउड-आधारित सेवाएं 'मेघराज' पर होस्ट की हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल डेटा सेंटर सरकार के विभागों को क्लाउड सेवाएं देते हैं। इन सेवाओं की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है, ताकि इन पर किसी भी तरह का खतरा न हो।
-- आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस