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रूस की अमेरिका पर 'टेक्नो स्ट्राइक', WhatsApp की विदाई तय, देसी ऐप पर रशियन करेंगे चैटिंग

 

सिक्योर मैसेजिंग ऐप्स की दुनिया में जहां अभी तक WhatsApp और Telegram जैसी कंपनियों का एकाधिकार रहा है, वहीं अब रूस एक नया और पूरी तरह से राज्य-नियंत्रित विकल्प लेकर आया है – "Vlad’s App"। यह ऐप न केवल यूजर्स की बातचीत को नियंत्रित करेगा, बल्कि सरकारी सेवाओं, अनुबंधों और पेमेंट सिस्टम्स से भी जुड़ा होगा। इस कदम से रूस के डिजिटल स्वतंत्रता और साइबर सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव आने वाला है।

व्हाट्सएप-टेलीग्राम की जगह लेगा "Vlad’s App"

रूस की संसद (ड्यूमा) की सूचना नीति समिति के प्रमुख सर्गेई बोयार्स्की के अनुसार, "Vlad’s App" एक सुरक्षित और बहुक्रियात्मक विकल्प है जो WhatsApp और Telegram जैसे विदेशी ऐप्स की जगह लेगा। बोयार्स्की का दावा है कि यह ऐप रूस की डिजिटल सुरक्षा में आखिरी कमी को भी दूर कर देगा। यह ऐप पूरी तरह से रूसी सरकार द्वारा नियंत्रित और मॉनिटर किया जाएगा।

कानून बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में

इस ऐप को आधिकारिक रूप से लागू करने के लिए प्रस्तावित मसौदा कानून पहले ही संसद के निचले सदन से पारित हो चुका है। अब इसे ऊपरी सदन (फेडरेशन काउंसिल) से मंजूरी मिलनी बाकी है। अंतिम रूप से इसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर के बाद लागू किया जाएगा।

डिजिटल विकास मंत्री माक्सुट शादेव ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बैठक में इस ऐप को सरकारी सेवाओं के साथ एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा था। इसमें खास जोर दिया गया कि रूस को अन्य देशों की तुलना में इस क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत है।

सिर्फ चैटिंग नहीं, सरकारी कार्यों के लिए भी होगा इस्तेमाल

"Vlad’s App" केवल एक मैसेजिंग ऐप नहीं होगा। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस ऐप को रूसी राज्य और नगरपालिका डेटाबेस से जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से:

  • आईडी वेरिफिकेशन

  • अनुबंधों पर डिजिटल साइनिंग

  • सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल

  • सेवाओं और वस्तुओं का भुगतान

  • शैक्षिक सेवाओं की प्रोसेसिंग

जैसे कार्य किए जा सकेंगे। ये सभी कार्य यूजर की सहमति से उनकी निजी जानकारी के आदान-प्रदान के माध्यम से होंगे।

रूस से बाहर नहीं होगा इस्तेमाल

एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या "Vlad’s App" का इस्तेमाल रूस से बाहर रहने वाले लोग कर पाएंगे? रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऐप रूस से बाहर उपलब्ध नहीं होगा। यानि यह पूरी तरह से लोकल उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है।

वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि रूस सरकार भविष्य में WhatsApp और Telegram जैसे विदेशी मैसेंजरों को ब्लॉक कर सकती है। इससे रूसी नागरिकों को "Vlad’s App" पर ही निर्भर होना पड़ेगा।

क्या है इसका बड़ा मकसद?

इस पहल के पीछे रूस की दो मुख्य मंशाएं नजर आती हैं:

  1. साइबर संप्रभुता (Cyber Sovereignty): रूस चाहता है कि उसकी डिजिटल संप्रभुता किसी विदेशी कंपनी या सरकार के हाथों में न हो।

  2. निगरानी और नियंत्रण: एक राज्य-नियंत्रित ऐप के माध्यम से बातचीत और डेटा पर सरकार की सीधी पकड़ रहेगी, जिससे विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण आसान हो जाएगा।