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कार्तिक मास में ही क्यों मनाई जाती हैं देव दीपावली, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को विशेष माना जाता हैं वही देव दीपावली या देव दिवाली बेहद ही महत्वपूर्ण पर्व हैं इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को मनाई जाएगी। काशी में यह पर्व बड़ें ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं और पूरे काशी शहर को दीपों से सजाया जाता हैं

मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवी देवता स्वर्ग से काशी में पर्व मनाने आते हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू होता हैं और पांचवें दिन, यानी कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर समाप्त होता हैं तो आज हम आपको देव दीपावली कार्तिक मास में क्यों मनाते हैं इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

देव दिवाली तिथि और मुहूर्त—
देव दिवाली तिथिः 18 नवंबर, 2021
देव दिवाली पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 18 नवंबर दोपहर 12:00 बजे
देव दिवाली पूर्णिमा तिथि समाप्तः 19 नवंबर को दोपहर 2:26 बजे
देव दिवाली पूजा प्रदोष काल के दौरान की जाती है। पूजा का मुहूर्त शाम 5:09 बजे से शाम 7:47 बजे तक है।

देव दीपावली पर जरूर करें ये काम—
वैसे तो कार्तिक मास का पूरा महीना पूजा के लिए अच्छा माना जाता हैं और इस पूरे महीने में दीप दान करना शुभ माना जाता हैं लेकिन मुख्य रूप से देव दीपावली के दिन दीपदान करने की प्रथा सालों से चली आ रही हैं इस दिन लोग घर में दीपक जलाते हैं और नदी तालाबों में भी दीपदान करते हैं देव दीपावली के दौरान पवित्र गंगा नदी के तट पर सभी घाटों की सीढ़ियों पर लाखों मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं ऐसा माना जाता है कि पत्तों पर तेल के दीपक जलाकर प्रवाहित करने से घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि का वास बना रहता हैं। इस दिन स्नान दान करने के साथ भगवान की विधिवत पूजा करने से सभी शुभ फलों की प्राप्ति के साथ ईश्वर का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहता हैं।