कब है दत्तात्रेय जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन की विधि
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत त्योहारों को विशेष माना जाता हैं वही हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती हैं इसे दत्त जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस बार दत्तात्रेय जयंती 18 दिसंबर दिन शनिवार को पड़ रही हैं दत्तात्रेय को त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना गया हैं माना जाता है कि दत्तात्रेय ने 24 गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी।
दत्तात्रेय के नाम पर ही दत्त संप्रदाय का उदय हुआ। वैसे तो दत्त जयंती का पूरे देश में काफी महत्व है मगर दक्षिण भारत में इसकी महत्ता कहीं अधिक है क्योंकि वहां तमाम लोग दत्त संप्रदाय से जुड़े हुए हैं ऐसा माना जाता है कि भगवान दत्तात्रेय की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और वैभव आदि प्राप्त होता हैं दत्तात्रेय भगवान को लेकर कहा जाता है कि अगर संकट की घड़ी में इनके भक्त सच्चे मन से इन्हें याद करें तो ये उनकी मदद के लिए जरूर पहुंचते हैं तो आज हम आपको दत्त जयंती से जुड़ी जरूरी बातें बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त—
पूर्णिमा तिथि आरंभ— 18 दिसंबर, शनिवार सुबह 07.24 बजे से शुरू
पूर्णिमा तिथि समाप्त— 19 दिसंबर, रविवार सुबह 10.05 बजे समाप्त
जानिए दत्तात्रेय जयंती की पूजन विधि—
आपको बता दें कि दत्तात्रेय जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्र धारण करना चाहिए इसके बाद पूजा के स्थान को अच्छी तरह से सफा सुथरा करना चाहिए और गंगाजल का छिड़काव करें इसके बाद एक चौकी पर साफ वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान दत्तात्रेय की तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद भगवान दत्तात्रेय को धूप, दीपक, रोली, अक्षत, पुष्प आदि जरूर अर्पित करें इसके बाद भगवान दत्तात्रेय की कथा का पाठ करें और अंत में आरती जरूर करें और फिर प्रसाद सभी में बांट दें।