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आज है भुवनेश्वरी जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को खास माना जाता हैं वही भुवनेश्वरी जयंती दस महाविद्या देवी में से चौथी देवी भुवनेश्वरी को समपित हैं जैसा कि नाम से पता चलता हैं वो सभी लोकों की देवी हैं और पूरे ब्रह्मांड पर राज करती हैं जिसे विश्व माता भी कहते हैं देवी मां भुवनेश्वरी को आदि शक्ति के रूप में जाना जाता हैं और उनके सगुण अवतार में, उन्हें देवी मां पार्वती के रूप में जानते हैं

वो तेज से धन्य हैं और उनके माथे पर एक मोन हैं। वही ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक भुवनेश्वरी जयंती सितंबर के महीने में चंद्रमा के वैक्सिंग चरण पर मनाई जाती हैं इस साल ये शुभ दिन 18 सितंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन, भक्त एक दिन का व्रत रखते हैं और एक समृद्ध भविष्य के लिए देवी का आशीर्वाद मांगते हैं माता की पूजा में तल्लीन भक्तगण माता से अपने पूरे परिवार की रक्षा का वर मांगते हैं और जीवन में सफलता की नई ऊंचाईयों को छुएं ऐसे वर की प्राप्ति चाहते हैं। 

जानिए भुवनेश्वरी जयंती की पूजन विधि—
आपको बता दें कि आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। देवी मां को पुष्प, फल, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, रुद्राक्ष की माला और चंदन अर्पित करें माता को भोग लगाएं। त्रयोलोक्य मंगल कवचम, श्री भुवनेश्वरी पंजर स्तोत्र और त्रयोलोक्य मंगल कवचम का जाप करना चाहिए। आरती कर पूजा का समापन करें। 

पढ़ें भुवनेश्वरी जयंती मंत्र—

ऊं ऐं ह्रीं श्रीं नमः

ऐं ह्रुं श्रीं ऐं हम्रम ||

शास्त्र अनुसार देवी भुवनेश्वरी के चार हाथ हैं और वो अपने भक्तों को अपने दो हाथों से प्यार का आशीर्वाद प्रदान करती हैं अपने अन्य दो हाथों में वो फंदा और अंगुसम धारण करती हैं साथ ही इस दुनिया में होने वाली हर चीज पर नजर रखने के लिए उनकी तीन आंखें हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी भुवनेश्वरी की पूजा करना शुभ माना जाता हैं क्योंकि ऐसा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं और धन, ज्ञान, भाग्य आदि सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं वो दुनिया में सभी प्राणियों की माता और पालन पोषण करने वाली हैं। इस दिन भक्तों को कन्या पूजन करना चाहिए वैसे भी माता का पूजन बिना कन्या पूजन के अधूरा रहता हैं कन्या पूजन करने से माता प्रसन्न होती हैं उनका बीच मंत्र ब्रह्मांड का निर्माता हैं।