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Rang Panchami 2024 रंग पंचमी पर राधा कृष्ण को ऐसे करें प्रसन्न, खुशियों से भरा रहेगा जीवन

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन रंग पंचमी का पर्व बेहद ही खास माना जाता है जो कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है यह पर्व होली के पांच दिन बाद पड़ता है। इस बार रंग पंचमी का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के संग होली खेली थी।

इसलिए इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा की जाती है। रंग पंचमी के दिन राधा कृष्ण की विधिवत पूजा करने से पुण्य की प्राप्त होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है ऐसे में अगर आप राधा कृष्ण का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस दिन पूजा पाठ के दौरान आरती जरूर करें।

मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं और जीवन में खुशियों को भर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं राधा कृष्ण की आरती। 

भगवान कृष्ण की आरती—

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,

बजावै मुरली मधुर बाला ।

श्रवण में कुण्डल झलकाला,

नंद के आनंद नंदलाला ।

गगन सम अंग कांति काली,

राधिका चमक रही आली ।

लतन में ठाढ़े बनमाली

भ्रमर सी अलक,

कस्तूरी तिलक,

चंद्र सी झलक,

ललित छवि श्यामा प्यारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,

देवता दरसन को तरसैं ।

गगन सों सुमन रासि बरसै ।

बजे मुरचंग,

मधुर मिरदंग,

ग्वालिन संग,

अतुल रति गोप कुमारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,

सकल मन हारिणि श्री गंगा ।

स्मरन ते होत मोह भंगा

बसी शिव सीस,

जटा के बीच,

हरै अघ कीच,

चरन छवि श्रीबनवारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,

बज रही वृंदावन बेनू ।

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू

हंसत मृदु मंद,

चांदनी चंद,

कटत भव फंद,

टेर सुन दीन दुखारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥