पापंकुशा एकादशी व्रत आज, जानिए मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया हैं क्योंकि यह भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती हैं ये शुभ दिन चंद्र पखवाड़े के हर ग्यारहवें दिन पड़ता हैं। आमतौर पर एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं शुक्ल और कृष्ण पक्ष के दौरान एक महीने में दो एकादशी आती हैं
हिंदू चंद्र कैलेंडर में अधिक मास को जोड़ने पर एकादशियों की संख्या बढ़कर 26 हो जाती हैं ये करीब 32 महीनो में एक बार होता हैं इसलिए इस साल भक्त दो अतिरिक्त एकादशी व्रत रखेंगे, जिनमें से एक आज यानी 16 अक्टूबर को रखा जा रहा हैं शुक्ल पक्ष के अश्विन मास की एकादशी को पापंकुशा एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं।
दिनांक- 16 अक्टूबर, 2021
एकादशी तिथि शुरू- 15 अक्टूबर 2021 को शाम 06:02 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 16 अक्टूबर 2021 को शाम 05:37 बजे
पारण समय- 17 अक्टूबर 2021 को सुबह 06:23 से 08:40 बजे तक
जानिए पापंकुशा एकादशी का पूजन विधि—
आज के दिन सुबह जल्दी उठें, नहाएं और साफ वस्त्र धारण करें। भगवान पद्मनाभ की पूजा करें पहले तिलक करें और फिर पुष्प, अगरबत्ती, प्रसाद आदि अर्पित करें। मंत्रों का जाप करें विष्णु पुराण और कथा का पाठ करें। आरती कर पूजा का समापन करें।
जानिए पापंकुशा एकादशी का महत्व—
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार एकादशी प्राण सूर्योदय के बाद कियाक जाता हैं जो कि एकादशी व्रत के अगले दिन होता हैं द्वादशी तिथि के भीतर पारण करना आवश्यक होता हैं वरना ये अपराध के समान माना जाता हैं।
जानिए पापंकुशा एकादशी मंत्र—
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय ||