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नवरात्रि के दिनों में शक्ति साधना करते समय अपनी मनोकामनाओं के अनुसार करें मंत्र का जाप

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा हैं यह पर्व शक्ति साधना का त्योहार हैं दुनिया में शायद ही कोई भी ऐसा व्यक्ति होगा जिसे शक्ति की जरूरत न हो। क्या देवी देवता और क्या आम इंसान सदियों से किसी न किसी रूप में शक्ति की साधना करता चला आ रहा हैं इन दिनों शक्ति की साधना का पर्व नवरात्रि भी मनाया जा रहा हैं

ऐसे में हर कोई देवी की पूजा के माध्यम से अपनी कामनाओं को पूरा कर लेना चाहते हैं क्योंकि कलियुग में सभी दुखों और कष्टों के निवारण का एक मात्र उपाय भगवती देवी दुर्गा की उपासना या मंत्र साधना हैं हिंदू धर्म परंपरा में धन सम्पत्ति, समृद्धि, वैभव की प्राप्ति हेतु और सभी तरह से मंगल और कल्याण के लिए जानते हैं उन चमत्कारी मंत्रों के बारे में जिनका श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करने पर भगवती की कृपा बरसने लगती हैं तो आइए जानते हैं। 

देवी कल्याण मंत्र—
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते।।

आरोग्य और सौभाग्य प्राप्ति मंत्र—
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

मन मुताबिक पत्नी प्राप्ति मंत्र—
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।

सुयोग्य वर प्राप्ति मंत्र—
ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।

निर्विघ्न साधना और धन प्राप्ति मंत्र—
सर्वाबाधा – विनिर्मुक्तो धन – धान्य – सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।।

विपत्ति नाशक मंत्र—
दीनार्त – परित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

दुख दारिद्रय को दूर करने का मंत्र—
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः, स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रय- दुःख – भयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकार – करणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता।।

उपद्रवों से बचने का मंत्र—
रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा, यत्रारयो दस्यु बलानि यत्र।
दावानलो यत्र तथाऽब्धिमध्ये, तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम्।।

शुभत्व की प्राप्ति मंत्र—
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी, शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।

भय को भगाने के मंत्र—
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते।।

रोग नाश मंत्र—
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रूष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

सुरक्षा प्राप्ति मंत्र—
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खडूगेन चाऽम्बिके।
घण्टास्वनेन नः पाहि चापज्यानिःस्वनेन च।।

महामारी नाशक मंत्र—
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥

स्वप्न में सिद्धि असिद्धि मंत्र—
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ – साधिके।
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

धन वृद्धि मंत्र—
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामाद्रां ज्वलन्तीं तृप्यां तर्पयन्तीम्।
मे स्थितां पद्मवण तामिहोप हये श्रियम्।।