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आज महानवमी पर इस विधि से करें माता की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही शारदीय नवरात्रि का आज आखिरी दिन हैं नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती हैं माता ​सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं शास्त्र अनुसार मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता हैं

माता सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं माता के चार हाथ हैं मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का पुष्प और च्रक धारण किया हैं। मात सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी माना जाता हैं इस दिन कन्या पूजन का भी खास महत्व होता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महानवमी पूजन विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।   

जानिए पूजन विधि—
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें माता की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें मां को रोली कुमकुम भी लगाएं। माता को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं। मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें। माता की आरती जरूर करें। मान्यता है कि माता ​सिद्धिदात्री को मौसमी फल,चना,पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय हैं कहते हैं कि माता को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं। 

जानिए पूजन मंत्र—

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

नवरात्रि की नवमी तिथि को बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता हैं यह रंग अध्यात्म का प्रतीक माना जाता हैं। 

जानिए शुभ मुहूर्त—

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 ए एम से 05:31 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:44 ए एम से 12:30 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:02 पी एम से 02:48 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:41 पी एम से 06:05 पी एम

मां सिद्धिदात्री की आरती—

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।


जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट—

लाल चुनरी
लाल वस्त्र
मौली
श्रृंगार का सामान
दीपक
घी/ तेल
धूप
नारियल
साफ चावल
कुमकुम
फूल
देवी की प्रतिमा या फोटो
पान
सुपारी
लौंग
इलायची
बताशे या मिसरी
कपूर
फल-मिठाई
कलावा