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Shardiya Navratri 2024 दो मिनट के वीडियो में देखें मां दुर्गा के सबसे शक्तिशाली मंत्र, इनके जाप से दूर होंगे आर्थिक संकट 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन नवरात्रि को बहुत ही खास माना गया है जो कि देवी साधना का महापर्व होता है इस दौरान भक्त देवी मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से माता रानी की कृपा बरसती है इस साल शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार यानी कल से होने जा रहा है और इसका समापन 11 अक्टूबर को हो जाएगा।

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शारदीय नवरात्रि के नौ दिन भक्त माता रानी की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं ऐसे में अगर आप माता का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के नौ दिनों में देवी साधना आराधना के समय उनके चमत्कारी मंत्रों का जाप जरूर करें माना जाता है कि इन महामंत्रों का जाप करने से देवी  शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और आर्थिक संकट दूर करती है, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मां दुर्गा के शक्तिशाली मंत्र। 

मां दुर्गा के मंत्र

1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.

2. हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् .

सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव .

3. शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे .

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते .

4. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते.

5. 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'


6. पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता.

प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता.

पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत .

प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत.

7. “दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:

स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि.

दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या

सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता.”

सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि.

गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते .