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जानिए कन्या पूजन के समय लड़कों को क्यों कहा जाता है लंगूर

 

जयपुर। नवरात्रि के नौ दिनों का उपवास करने के बाद नवरात्रि के व्रत का पारण करने के लिए भक्त को कन्या पूजन कर अपना व्रत खोलना होता हैं। कन्या पूजन में हलुआ-पूड़ी और चना बना कर छोटी छोटी कन्याओं को खिलाया जाता हैं। नवरात्रि में नवमी के दिन छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा कर उनको भोजन कराया जाता है। लेकिन कन्या पूजन के साथ एक लड़का भी होता है जिसे ‘लंगूर’  के रुप में बैठाया जाता है। आज इस लेख में हम आपको बता रहें है आखिर क्यों कन्या पूजन के दौरान एक लड़के को लंगूर बनाने के महत्व के बारे में बता रहें हैं।

नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान लडके को ‘लंगूर’ के रूप में बैठाने पर लड़के को हनुमान जी का रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कन्या पूजन के समय लंगूर को न बैठाया जाए तो कन्या पूजन अधूरा रहता है।

ऐसे किया जाता है कन्या पूजन

  • कन्‍या पूजन के लिए 9 छोटी कन्याओं को बुलावा भेजा जाता है फिर उनके घर में आने पर उनको साफ़ जगह पर बैठाकर पीतल की बड़ी परात में दूध, फूल और पानी के मिलाकर उनके चरण धुलें जाते हैं और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद उनकी आरती की जाती है व उनकी पूजा की जाती है। फिर उनको भोजन कराया जाता है उसके बाद दक्षिणा देकर विदा किया जाता है।
kanya-poojan on durgashtami and navami
  • कन्या पूजन में जिन लडकियों को शामिल किया जाता है उन लड़कियों की आयु अधिकतम 10 वर्ष होनी चाहिए
  • कन्या पूजन के दौरान एक लड़के को भी बैठाया जाता है जिसे लंगूर के रूप में पूजा जाता है। क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।