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दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी आज, जानिए मां महागौरी का प्रिय पुष्प और रंग

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: नवरात्रि का पावन पर्व देशभर में मनाया जा रहा हैं मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि अब समापन की ओर चल पड़ा हैं नवरात्रि में देवी मां के अलग अलग नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा की जाती हैं वही 13 अक्टूबर यानी आज नवरात्रि का आठवां दिन हैं नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती हैं

माता का रंग अत्यंत गोरा हैं। इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से पुकारते हैं शास्त्र अनुसार मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं तो आज हम आपको इस दिन के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 


 
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं माता महागौरी की पूजा करते समय पीले या साफेद वस्त्र भी धारण कर सकते हैं महागौरी का पूजन करते समय पीले पुष्प अप्रित करने चाहिए। महागौरी को हलवा का भोग लगाना चाहिए मान्यता है कि माता रानी को काले चने प्रिय हैं। 

आपको बता दें कि नवरात्रि के आठवें दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें इसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करना चाहिए। अब चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। इसके बाद चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका देवी, सप्त घृत मातृका आदि की स्थापना करें। अब मां महागौरी का आवाहन, आसन, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्यसूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, पुष्प, धूप दीपक, दक्षिणा, आरती, मंत्र आदि करें। इसके बाद प्रसाद बांटें। महाष्टमी पूजन के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना जाता हैं ऐसा करने से माता शुभ फल देती हैं। 

इन मंत्रों से करें महागौरी को प्रसन्न—

1. श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो।।

2. या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

3. ओम महागौरिये: नम:।