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आयुर्वेदिक कारणों की वजह से नहीं खाया जाता व्रत मे लहसुन प्याज

 

आपको बता दें, कि नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं, यह पर्व भारत देश के कोने कोने में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं वही नवरात्रि के इन नौ दिनों के उपवास में प्याज लहसुन का सेवन नहीं किया जाता हैं वही हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक इन पूरे नौ दिनों में आपको सात्विक भोजन करना होता हैं जैसे कि फल, सब्जियां, कुट्टू का आटा, साबुदाना, सामक चावल और दूध से बने उत्पाद। वही क्या आपको मालूम हैं कि नवरात्रि के दिनों में लहसुन और प्याज क्यों नहीं खाया जाता हैं, अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं, इसके पीछे कई तरह के आयुर्वेदिक तथ्य जुड़े हुए हैं।

जानिए आयुर्वेद के अनुसार—
बता दें कि आयुर्वेद के अनुसार भोजन तीन प्रकार का होता हैं राजसिक भोजन, तामसिक भोजन और सात्विक भोजन। हिंदू धर्म के अनुसार उपवास के दौरान सात्विक भोजन करना उचित माना जाता हैं सात्विक भोजन यानी की जिसमें प्याज और लहसुन का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं।

जानिए वैज्ञानिक कारण—
वही धार्मिक पहलुओं के साथ साथ उपवास के दौरान सात्विक भोजन करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ हैं शरद नवरात्रि अक्टूबर नवंबर के महीने में पड़ती हैं जिसे सर्दी के मौसम की शुरुआत मानी जाती हैं वही मौसम में बदलाव के चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती हैं जिस कारण से व्यक्ति के लिए सात्विक भोजन करना उचित नहीं माना जाता हैं। वही जो खाना मनुष्य नवरात्रों के खाते हैं उसके द्वारा व्यक्ति की बॉडी डी टॉक्सीफाई होती हैं जिससे व्यक्ति रोगां की चपेट में आने से बच जाता हैं।

नवरात्रि के इन नौ दिनों के उपवास में प्याज लहसुन का सेवन नहीं किया जाता हैं शास्त्रों के मुताबिक भोजन तीन प्रकार के होते हैं राजसिक भोजन, तामसिक भोजन और सात्विक भोजन। हिंदू धर्म के अनुसार उपवास के दौरान सात्विक भोजन करना उचित माना जाता हैं सात्विक भोजन यानी की जिसमें प्याज और लहसुन का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं। आयुर्वेदिक कारणों की वजह से नहीं खाया जाता व्रत मे लहसुन प्याज