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अष्टमी आज और नवमी कल, जानिए चौघड़िया मुहूर्त व महत्व

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व को विशेष माना जाता हैं वही शारदीय नवरात्रि का पावन त्योहार देशभर में मनाया जा रहा हैं इस पर्व पर माता रानी की सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर विशेष आराधना व पूजा होती हैं आमतौर पर ज्यादातर घरों में अष्टमी का पूजन किया जाता हैं और नवमी के दिन कन्या भोज किया जाता हैं इसी दिन विसर्जन किया जाता हैं वही महाअष्टमी और महानवमी की तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख में  शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

नवरात्रि के आठवें दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें इसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करना चाहिए। अब चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें।

इसके बाद चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका देवी, सप्त घृत मातृका आदि की स्थापना करें। अब मां महागौरी का आवाहन, आसन, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्यसूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, पुष्प, धूप दीपक, दक्षिणा, आरती, मंत्र आदि करें। इसके बाद प्रसाद बांटें। महाष्टमी पूजन के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना जाता हैं ऐसा करने से माता शुभ फल देती हैं। 

जानिए मुहूर्त—
अष्टमी तिथि— पंचांग अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष 12 अक्टूबर, दिन मंगलवार को रात 9 बजकर 49 मिनट से आरंभ होकर 13 अक्टूबर 2021, बुधवार को रात 8 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगी। अष्टमी का पूजन 13 अक्टूबर बुधवार को किया जाएगा। 

जानिए अष्ट​मी तिथि का मुहूर्त—

पूजा के मुहूर्त : अमृत काल- 03:23 AM से 04:56 AM
ब्रह्म मुहूर्त– 04:48 AM से 05:36 AM तक है।

दिन का चौघड़िया :
लाभ – 06:26 AM से 07:53 PM तक।
अमृत – 07:53 AM से 09:20 PM तक।
शुभ – 10:46 AM से 12:13 PM तक।
लाभ – 16:32 AM से 17:59 PM तक।

रात का चौघड़िया :
शुभ – 19:32 PM से 21:06 PM तक।
अमृत – 21:06 PM से 22:39 PM तक।
लाभ (काल रात्रि) – 03:20 PM से 04:53 PM तक।

यहां जानिए महानवमी तिथि—
आपको बता दें कि नवमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 7 मिनट से आरंभ हो जाएगी और 14 अक्टूबर को रात 6 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी।