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स्कंद षष्ठी पर इन कामों को करने से नाराज़ हो जाते हैं भगवान कार्तिकेय, देते हैं कठोर दंड 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन स्कंद षष्ठी व्रत को बहुत ही खास माना गया है। जो कि भगवान कार्तिकेय की साधना आराधना को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में आने वाले शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि भगवान शिव और माता पार्वती के छठे पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती है भगवान कार्तिकेय को कई राज्यों स्कंद के नाम से भी जाना जाता है यही कारण है कि इस व्रत को स्कंद षष्ठी कहा गया है स्कंद षष्ठी का व्रत 11 जुलाई को किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ करना लाभकारी है मगर कुछ ऐसे भी काम हैं जिन्हें स्कंद षष्ठी पर नहीं करने चाहिए वरना भगवान नाराज़ हो जाते हैं और भक्तों को दंड भी मिलता है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं। 

स्कंद षष्ठी पर इन बातों का रखें ध्यान—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा सूर्योदय के समय करना उत्तम माना जाता है ऐसे में आप भी पूजा सूर्योदय पर ही करें इसके अलावा इस व्रत का पारण अगले दिन यानी की सूर्य को जल देने के बाद ही करें। अगर आप स्कंद षष्ठी व्रत कर रहे हैं तो दो दिनों तक घर में तामसिक भोजन न बनाएं।

इसके अलावा स्कंद षष्ठी का व्रत करने वाले केवल फलाहार करें कुछ अन्य चीजों का सेवन न करें वरना व्रत पूर्ण नहीं होगा। इस दिन क्रोध करने से बचना चाहिए। साथ ही घर में वाद विवाद या क्लेश न करें। किसी को अपशब्द न कहें। वरना भगवान कार्तिकेय नाराज़ हो सकते हैं स्कंद षष्ठी पर झूठ बोलने से बचना चाहिए।