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जानें, देवशयनी एकादशी व्रत पूजन की संपूर्ण विधि और तारीख

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन इन सभी में एकादशी व्रत का महत्व सबसे अधिक होता हैं जो कि भगवान विष्णु की ​प्रिय तिथियों में से एक हैं एकादशी का व्रत जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना को समर्पित होता हैं इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।

एकादशी का व्रत हर माह के दोनों पक्षों में पड़ता हैं ऐसे साल में कुल 24 एकादशी का व्रत किया जाता हैं अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी एकादशी, पद्मनाभा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। माना जाता हैं कि इस दिन व्रत पूजन करने से साधक की सभी मनोकामनाएं भगवान विष्णु पूर्ण कर देते हैं साथ ही सुख समृद्धि भी प्रदान करते हैं इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 29 जून दिन गुरुवार को पड़ रही हैं तो आज हम आपको एकादशी व्रत पूजन की विधि बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं। 

पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि देवशयनी एकादशी के दिन सुबह सूर्यादय से पूर्व उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले रंग के वस्त्रों को धारण कर सूर्य भगवान को जल अर्पित करें फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत पूजन का संकल्प करें।

इसके बाद पूजन स्थल की साफ सफाई करें भगवान की विधिवत पूजा करें भगवान को तुलसी, पीला चंदन, रोली, अक्षत, पीले पुष्प, ऋतु फल और धूप दीपक, मिश्री आदि भगवान को चढ़ाएं। भगवान विष्णु को भोग लगाकर उनकी विधिवत आरती करें इसके बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। मान्यता है कि इस विधि से भगवान की पूजा करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं।