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जन्माष्टमी के दिन कृष्ण पूजा में जरूर पढ़ें मधुराष्टकं, भगवान होंगे प्रसन्न

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करते हैं मान्यता है कि इस दिन पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ अगर आराधना की जाए तो भगवान भक्तों पर कृपा बरसाते हैं वही जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के समय मधुराष्टकम का पाठ करना भी बेहद ही लाभकारी होता है

इसके बाद से बाल गोपाल प्रसन्न हो जाते हैं मधुराष्टकं में भगवान कृष्ण के बालरूप का मधुरता से वर्णन किया गया है श्रीकृष्ण के हर अंग, गतिविधि और क्रिया कलाप मधुर है इस पवित्र दिन पर अगर मधुराष्टकं का संपूर्ण पाठ किया जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान ंस्वयं पूरी करते हैं और उनके कष्टों का भी निवारण कर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मधुराष्टकं का पाठ, तो आइए जानते हैं। 

मधुराष्टकं पाठ-

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥१॥

वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं ।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥२॥

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥३॥

गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं ।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥४॥

करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरं ।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥५॥

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा ।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥६॥

गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं।
दृष्टं मधुरं सृष्टं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥७॥

गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥८॥