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कोजागिरी पूर्णिमा आज, जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त और संपूर्ण विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: धार्मिक रूप से पूर्णिमा और अमावस्या का विशेष महत्व होता हैं वही पंचांग के मुताबिक हर साल में बाहर पूर्णिमा की तिथियां आती हैं इनमें से ​अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का ​खास महत्व होता हैं इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं कोजागिरी का अर्थ हैं कौन जाग रहा हैं इस पूर्णिमा पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता हैं इसलिए इसे जागृत पूर्णिमा भी कहा जाता हैं

मान्यता है कि इस पूर्णिमा पर रात्रि काल में माता लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं जिस घर में इस रात्रि मां लक्ष्मी का पूजन और जागरण होता हैं उस घर में वो प्रवेश करती हैं लक्ष्मी जी के प्रवेश से दरिद्रता का नाश होता हैं और सुख संपन्नता का आगमन होता हैं, तो आज हम आपको कोजागिरी पूर्णिमा का मुहूर्त और विधि बता रहे है तो आइए जानते हैं। 

कोजागिरी पूर्णिमा का मुहूर्त—
कोजागिरी या शरद पूर्णिमा पंचांग के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती हैं इस साल अश्विन पूर्णिमा की तिथि 19 अक्टूबर को शाम 7 बजे से आरंभ होकर 20 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। शरद पूर्णिमा का पूजन सांय काल में चंद्रोदय के बाद किया जाता हैं इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 27 मिनट पर चंद्रोदय के बाद रहेगा। 


 
जानिए कोजागिरी पूर्णिमा की पूजन विधि—
पौराणिक कथाओं के मुताबिक कोजागिरी पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। मान्यता है कि दीपावली के पूर्व इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि भ्रमण पर निकलती हैं इस दिन घर की साु सफाई जरूर करनी चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी साफ और स्वच्छ घर में ही प्रवेश करती हैं इसके साथ ही कोजागिरी पूर्णिमा का पूजन रात्रि काल में चंद्रोदय के बाद करने का विधान हैं इस रात्रि में अष्ट लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें खीर का भोग लगाया जाता हैं खीर को एक पात्र में साफ कपड़े से बांधकर चंद्रमा की रोशनी में रात भर के लिए रख देना चाहिए सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से घर में संपन्नता का आगमन होता हैं इस रात्रि आकाश दीपक जलाने को भी शुभ माना जाता हैं।