शनिवार को है कालाष्टमी व्रत, भय से मुक्ति के लिए जरूर करें काल भैरव की आराधना
जयपुर एस्ट्रो डेस्क: हिंदू धर्म में तमाम तहर की देवी देवताओं की आराधना करने का विधान है मगर इसमें शीघ्र ही प्रसन्न होकर सभी आपदाओं से बाहर निकालने वाले देवता का नाम भगवान भैरव हैं देवों के देव महादेव का अवतार माने जाने वाले भैरव बाबा की कृपा से जीवन का बड़ा से बड़ा संकट कट जाता हैं
भय को दूर करने वाले काल भैरव से जुड़ी पावन कालाष्टमी तिथि 31 जुलाई दिन शनिवार यानी कल पडने जा रही हैं रुद्रायमल तंत्र में भैरव बाबा के 64 अवतार बताए गए हैं लेकिन काल भैरव और बटुक भैरव की लोग अधिक पूजा करते हैं।
अक्सर लोग इस भ्रम में रहते हैं कि भैरव एक उग्र देवता हैं इसलिए उनकी साधना नहीं करना चाहिए जबकि यह पूरी तरह से गलत हैं भगवान भैरव की उग्र और सात्विक दोनों तरह से साधना होती हैं इसमें उग्र साधना वाममार्गी होती हैं अमूमन लोग उनकी सात्विक साधना ही किा करते हैं
बहरहाल भैरव बाबा की कृपा पाने के लिए आप किसी भी दिन उनके नाम का जाप, पूजन आदि कर सकते हैं कालाष्टमी और रविवार के दिन उनकी विशेष रूप से पूजा होती हैं इसलिए इसदिन आप विधि विधान से उनकी पूजा करते हुए भैरव के नीचे दिए गए हुए मंत्र का जाप करना चाहिए।
भैरव बाबा मंत्र जाप—
– ‘ॐ कालभैरवाय नम:.’
– ‘ॐ भयहरणं च भैरव:.’
– ‘ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्.’
– ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं.’
भगवान भैरव की सच्चे मन से साधना आराधना करने पर सभी तरह की बलाएं टल जाती हैं अगर आपको हर समय शत्रुओं का खतरा बना रहता हैं तो आपके लिए भैरव साधना संजीवनी का काम करेगी। शत्रुओं से जुड़े भय को दूर करने के लिए आप बटुक भैरव की साधना करें। जीवन से जुड़ी कैसी समस्या या परेशानी हो, भगवान भैरव की कृपा मिलते ही वह चमत्कारिक रूप से जल्द ही दूर हो जाती हैं यही कारण है कि भगवान भैरव के बटुक रूप को आपदुद्धारक कहा जाता हैं।
ज्योतिष अनुसार राहु के रोड़े और केतु के कष्ट को दूर करने के लिए भैरव बाबा की साधना अत्यंत लाभदायक है इसलिए अगर आपकी कुंडली में राहु केतु अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं तो आप उनकी अशुभ दशा से बचने के लिए विशेष रूप से भगवान भैरव की साधना करें।