पितरों का उद्धार करने वाली है इंदिरा एकादशी, पितृदोष से पीड़ित लोग जरूर रखें यह व्रत
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: एकादशी तिथि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं हर साल पितृपक्ष के दौरान पड़ने वाली इस एकादशी को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली एकादशी कहा जाता हैं मान्यता है कि अगर इस व्रत को रखकर विधिवत पूजा करके पुण्य पूर्वजों को अर्पित किया जाए तो उन्हें नर्क की यातनाओं से छुटकारा मिल जाता हैं और उनका उद्धार भी होता हैं।
जानिए शुभ मुहूर्त—
हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 1 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 3 मिनट से आरंभ होकर 2 अक्टूबर दिन शनिवार को रात 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इंदिरा एकादशी का व्रत 2 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं व्रत का पारण रविवार 3 अक्टूबर को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 8 बजकर 37 मिनट तक हैं।
व्रत आरंभ होने के एक दिन पहले शाम के समय से इसके नियम शुरू हो जाते हैं इस तरह 1 अक्टूबर को सूर्यास्त के बाद इस व्रत के नियम शुरू होंगे। शुक्रवार को सूर्यास्त से पहले भोजन करें औश्र भगवान का मनन करें फिर एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान से निवृत्त होने के बाद भगवान श्री विष्णु का ध्यान करते हुए हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद भगवान शालीग्राम को तुलसी दल,धूप, दीपक, पुष्प, फल और नैवेद्य आदि अर्पित कर विधिवत पूजन करें।