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Gopashtami 2023 आज है गोपाष्टमी व्रत, जानें पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है एक जाता है तो दूसरा आता है। पंचांग के अनुसार अभी कार्तिक मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है और इस माह की अष्टमी पर गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है जो कि इस बार 20 नवंबर दिन सोमवार यानी की आज मनाया जा रहा है। गोपाष्टमी का व्रत मथुरा, वृंदावन में विशेष तौर पर मनाया जाता है। इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ गाय, बछड़ों आदि की पूजा की जाती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गोपाष्टमी पूजन की विधि और उत्तम मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 20 नवंबर दिन सोमवार को पूरे दिनभर रहेगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त काल में गोपाष्टमी की पूजा करना खास माना जाता है। 

गोपाष्टमी की संपूर्ण पूजा विधि—
आपको बता दें कि आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर व्रत पूजा का संकल्प करें। अब शुभ मुहूर्त में दूध देने वाली गाय और बछड़े को माला पहनाकर चंदन से तिलक लगाएं। एक बर्तन में पानी, चावल, सफेद तिल और पुष्प मिलाकर गाय के पैरों पर डालें और इस मंत्र का जाप भी करें। क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:॥ इसके बाद गाय को रोटी, चारा या अन्य पकवान जरूर खिलाएं। पूजन के बाद गौ माता की विधिवत पूजा करें और उनकी आरती पढ़ें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है और घर में धन धान्य की कमी नहीं रहती है। 

गौ माता की संपूर्ण आरती—

ॐ जय जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता |
जो कोई तुमको ध्याता, त्रिभुवन सुख पाता ||
मैया जय जय गौमाता ………………
सुख समृद्धि प्रदायनी, गौ की कृपा मिले |
जो करे गौ की सेवा, पल में विपत्ति टले ||
मैया जय जय गौमाता ……………
आयु ओज विकासिनी, जन जन की माई |
शत्रु मित्र सुत जाने, सब की सुख दाई ||
मैया जय जय गौमाता ………………
सुर सौभाग्य विधायिनी, अमृती दुग्ध दियो |
अखिल विश्व नर नारी, शिव अभिषेक कियो ||
मैया जय जय गौमाता ………………
ममतामयी मन भाविनी, तुम ही जग माता |
जग की पालनहारी, कामधेनु माता ||
मैया जय जय गौमाता ……………संकट रोग विनाशिनी, सुर महिमा गायी |
गौ शाला की सेवा, संतन मन भायी ||
मैया जय जय गौमाता ………………
गौ माँ की रक्षा हित, हरी अवतार लियो |
गौ पालक गौपाला, शुभ सन्देश दियो ||
मैया जय जय गौमाता ………………
श्री गौमात की आरती, जो कोई सुत गावे |
“पदम्” कहत वे तरणी, भव से तर जावे ||
मैया जय जय गौमाता ………………