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गणेश चतुर्थी पर इन उपायों से पाएं विघ्न बाधाओं से मुक्ति, वीडियो में करें गणपति बप्पा के अद्भुत दर्शन 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन गणेश चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि गणपति साधना आराधना को समर्पित दिन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

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आपको बता दें कि भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विधान होता है। भाद्रपद का महीना गणपति को समर्पित किया गया है।

ऐसे में इस महीने भगवान की आराधना शुभ मानी गई हैं इस साल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 7 सितंबर दिन शनिवार यानी कल देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और व्रत रखा जाएगा। वही बप्पा की विदाई यानी गणेश विसर्जन 17 सितंबर दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन हो जाएगा। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की विधिवत पूजा कर गणेश स्तोत्र का चमत्कारी पाठ जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं और प्रभु की कृपा बरसती है साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है। 

गणेश स्तोत्र पाठ 

प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम्,
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये।
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम्,
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम्।
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च,
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम्,
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन्।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः,
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्,
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम्।
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते,
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः।
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते,
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः।