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'द्विपुष्कर योग' समेत इन शुभ संयोगों में मनाया जाएगा प्रथम मंगला गौरी व्रत, नोट करें डेट और मुहूर्त

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वैसे तो सभी महीनों और दिनों को खास बताया गया है लेकिन सावन का महीना बहुत ही विशेष माना जाता है जो कि शिव साधना के लिए उत्तम होता है इस माह पड़ने वाले सोमवार को सावन सोमवार के नाम से जाना जाता है इस दिन भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए दिनभर का उपवास रखते हैं सावन का सोमवार शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ होता है मान्यता है कि इस दौरान भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से भक्तों को उनकी कृपा बरसती है जिस तरह सावन सोमवार शिव को समर्पित है ठीक उसी तरह सावन में पड़ने वाला मंगलवार माता पार्वती की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है

सावन के मंगलवार को भक्त माता पार्वती को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास व पूजा पाठ करती है इसे मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है इस दिन पार्वती जी की अर्चना करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है पंचांग के अनुसार इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई दिन सोमवार से होने जा रही है वर्षों बाद ऐसा शुभ संयोग बना है जब सावन का आरंभ सोमवार से हो रहा है। इसके अगले दिन सावन का पहला मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। जो कि 23 जुलाई से आरंभ हो रहा है।

मान्यता है कि इस व्रत को विधिवत करने से विवाहित महिलाओं को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है वही कुंवारी कन्याएं मंगला गौरी का व्रत मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए करती है तो आज हम आपको इस व्रत से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है। 

तिथि और शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है इस दिन सावन महीने का पहला सोमवार व्रत किया जाएगा यानी सावन सोमवार व्रत रखा जाएगा। इसके अगले दिन प्रथम मंगला गौरी व्रत किया जाएगा जो कि मां पार्वती को समर्पित है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक है ऐसे में सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा। इस दिन दुर्लभ द्विपुष्कर योग व अन्य शुभ योगों का निर्माण हो रहा है।