Parshuram Jayanti 2024 पर करें ये काम, होगी अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन परशुराम जयंती को खास माना जाता है जो कि हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर मनाई जाती है इसी दिन अक्षय तृतीया का पर्व भी मनाया जाता है
इस बार परशुराम जयंती आज यानी 10 मई दिन शुक्रवार को पड़ी है इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान परशुराम की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के पवित्र दिन पर भगवान परशुराम का जन्म हुआ था जिसे परशुराम जयंती के तौर पर मनाया जाता है भगवान परशुराम को श्रीहरि विष्णु का छठा अवतार माना गया है। इस दिन अगर भक्ति भाव से भगवान परशुराम के अष्टविंशाति नाम स्तोत्र का पाठ श्रद्धा के साथ किया जाए तो साधक को अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
श्री परशुराम अष्टविंशति नाम स्तोत्र
ऋषिरुवाच ।
यमाहुर्वासुदेवांशं हैहयानां कुलान्तकम् ।
त्रिःसप्तकृत्वो य इमां चक्रे निःक्षत्रियां महीम् ॥ १ ॥
दुष्टं क्षत्रं भुवो भारमब्रह्मण्यमनीनशत् ।
तस्य नामानि पुण्यानि वच्मि ते पुरुषर्षभ ॥ २ ॥
भूभारहरणार्थाय मायामानुषविग्रहः ।
जनार्दनांशसम्भूतः स्थित्युत्पत्त्यप्ययेश्वरः ॥ ३ ॥
भार्गवो जामदग्न्यश्च पित्राज्ञापरिपालकः ।
मातृप्राणप्रदो धीमान् क्षत्रियान्तकरः प्रभुः ॥ ४ ॥
रामः परशुहस्तश्च कार्तवीर्यमदापहः ।
रेणुकादुःखशोकघ्नो विशोकः शोकनाशनः ॥ ५ ॥
नवीननीरदश्यामो रक्तोत्पलविलोचनः ।
घोरो दण्डधरो धीरो ब्रह्मण्यो ब्राह्मणप्रियः ॥ ६ ॥
तपोधनो महेन्द्रादौ न्यस्तदण्डः प्रशान्तधीः ।
उपगीयमानचरितः सिद्धगन्धर्वचारणैः ॥ ७ ॥
जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखशोकभयातिगः ।
इत्यष्टाविंशतिर्नाम्नामुक्ता स्तोत्रात्मिका शुभा ॥ ८ ॥
अनया प्रीयतां देवो जामदग्न्यो महेश्वरः ।
नेदं स्तोत्रमशान्ताय नादान्तायातपस्विने ॥ ९ ॥
नावेदविदुषे वाच्यमशिष्याय खलाय च ।
नासूयकायानृजवे न चानिर्दिष्टकारिणे ॥ १० ॥
इदं प्रियाय पुत्राय शिष्यायानुगताय च ।
रहस्यधर्मो वक्तव्यो नान्यस्मै तु कदाचन ॥ ११ ॥
इति परशुरामाष्टाविंशति नाम स्तोत्र सम्पूर्णम् ।