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मासिक दुर्गाष्टमी के दिन करें ये उपाय, नहीं होगी धन की कमी, माता रानी सभी बाधाएं करेंगी दूर

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन मासिक दुर्गाष्टमी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ता है इस दिन मां दुर्गा की विधिवत पूजा का विधान होता है मान्यता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से देवी की असीम कृपा बरसती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व 14 जून को मनाया जाएगा।

इस पावन दिन जगत जगननी मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन के दुख संकट दूर हो जाते हैं और बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। लेकिन इसी के साथ ही अगर मासिक दुर्गाष्टमी के शुभ दिन पर माता के चमत्कारी मंत्रों का जाप भक्ति भाव से किया जाए तो धन की कमी दूर हो जाती है और बाधाओं का भी नाश होता है साथ ही तरक्की मिलती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हनुमान जी के चमत्कारी मंत्र। 

माता रानी के चमत्कारी मंत्र—

1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

2. पाप नाशक मंत्र
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।

सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥

3. संकट से मुक्ति के लिए मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥

4. रोग रक्षा मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥

5. पुत्र प्राप्ति मंत्र
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥

6. दुख नाशक मंत्र
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।

दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते ॥

7. शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।

गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते ॥

8. धन प्राप्ति के लिए मंत्र
“दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:

स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या

सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता॥”

9. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

10. पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥

उमा देवी शिरः पातु ललाटं शूलधारिणी ।

चक्षुषी खेचरी पातु वदनं सर्वधारिणी ॥

जिह्वां च चण्डिका देवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ।

अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ॥

हृदयं ललिता देवी उदरं सिंहवाहिनी ।

कटिं भगवती देवी द्वावूरू विन्ध्यवासिनी ॥

महाबाला च जङ्घे द्वे पादौ भूतलवासिनी

एवं स्थिताऽसि देवि त्वं त्रैलोक्यरक्षणात्मिके ।

रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे दॆवि नमोऽस्तु ते ॥