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कल जया एकादशी पर करें ये आसान उपाय, पिशाच योनि से मिलेगी मुक्ति

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को बेहद खास माना जाता है वही एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है यह तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को अति प्रिय है और एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित किया गया है ऐसे में एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिविधान से पूजा अर्चना की जाती है। 

धार्मिक पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि इस बार 1 फरवरी दिन बुधवार यानी की कल पड़ रही है इस दिन पूजा पाठ के साथ साथ उपवास रखने से साधक को मृत्यु के बाद पिशाच योनि से मुक्ति मिल जाती है और सभी तरह के पापों का भी नाश हो जाता है तो आज हम आपको जया एकादशी व्रत पूजन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है। 

एकादशी पूजा मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ आज यानी 31 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से रहा है और समापन 1 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार जया एकादशी का व्रत कल यानी 1 फरवरी को रखना उत्तम रहेगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। 

शास्त्रों और पुराणों की मानें तो जया एकादशी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से साधक को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है इस व्रत को बेहद पुण्यदायी माना जाता है, मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से जातक को मृत्यु के बाद नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच आदि से मुक्ति प्राप्त होती है साथ ही साथ इस दिन व्रत पूजन और दान करने से अश्वमेघ या के समान फल की प्राप्ति होती है।