×

पापांकुशा एकादशी पर आज करें लक्ष्मी रमणा की आरती, प्रसन्न होंगी माता लक्ष्मी

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: एकादशी व्रत को विशेष माना गया हैं हर हिंदी मास के दोनों पक्ष की एकादशी तिथि के दिन एकादशी का व्रत उपवास किया जाता हैं इसमें से पापांकुशा एकादशी का विशेष महत्व होता हैं अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापंकुशा एकादशी का व्रत और पूजन किया जाता है।

इस दिन श्री हरिविष्णु का पूजन करने का विधान हैं मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि पूर्वक श्री हरि विष्णु का पूजन करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती हैं इसके साथ ही इस दिन लक्ष्मी रमण भागवान की आरती का पाठ जरूर करना चाहिए ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं आपकी धन संबंधी सभी जरूरतों की पूर्ति करती हैं आपके घर में धन संपदा की कभी कोई कमी नहीं रहती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माता लक्ष्मी की संपूर्ण आरती। 

यहां पढ़ें लक्ष्मी आरती— 

ऊँ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रतन जड़ित सिंहासन,

अदभुत छवि राजे ।

नारद करत नीराजन,

घंटा वन बाजे ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

प्रकट भए कलिकारण,

द्विज को दरस दियो ।

बूढ़ो ब्राह्मण बनकर,

कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

दुर्बल भील कठोरो,

जिन पर कृपा करी ।

चंद्रचूड़ एक राजा,

तिनकी विपत्ति हरि ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

वैश्य मनोरथ पायो,

श्रद्धा तज दीन्ही ।

सो फल भाग्यो प्रभुजी,

फिर स्तुति किन्ही ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

भव भक्ति के कारण,

छिन-छिन रूप धरयो ।

श्रद्धा धारण किन्ही,

तिनको काज सरो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

ग्वाल-बाल संग राजा,

बन में भक्ति करी ।

मनवांछित फल दीन्हो,

दीन दयालु हरि ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

चढत प्रसाद सवायो,

कदली फल मेवा ।

धूप-दीप-तुलसी से,

राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायणजी की आरती,

जो कोई नर गावे ।

ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,

सहज रूप पावे ॥

जय लक्ष्मी रमणा,

स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

सत्यनारायण स्वामी,

जन पातक हरणा ॥