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Prabodhini ekadashi: आज है प्रबोधिनी एकादशी व्रत, शंख की ध्वनि से जागेंगे लक्ष्मीपति श्री विष्णु

 

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र और खास माना जाता हैं आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी हैं इसे प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता हैं अषाढ़ मास की देवशयनी ग्यारस को क्षीर सागर में सोए जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु अब आज के दिन जागेंगे। शाम के वक्त पूजा करके शंख की तेज ध्वनि और विधि मंत्रों के मुताबिक भगवान हरि विष्णु को जगाया जाता हैं सााि ही उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं इस तरह श्री हरि विष्णु के जागने से चतुर्मास का अंत हो जाता हैं शास्त्रों के मुताबिक इस एकादशी को पुण्य व फलदाई बताया गया हैं इससे गन्ने की कटाई भी शुरू हो जाती हैं। इसलिए इस पूजा में गन्ने को भी भगवान को अर्पित करना जरूरी माना जाता हैं तो आज हम आपको इस एकादशी के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी पेड़ पौधों की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए। इस दिन बाल व नाखून भी नहीं काटना चाहिए। भोजन में इस दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन गोभी, पालक, बैंगन आदि का सेवन भी वर्जित माना गया हैं एकादशी व्रत का पारण गुरुवार 26 नवंबर को तुलसी पत्र से किया जाएगा। इस दिन किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। किसी से लड़ाई झगड़ा भी नहीं किया जाता हैं इस दिन महिलाओं का अपमान न करें। एकादशी के दिन मन को साफ और पवित्र रखना चाहिए ब्रह्माचार्य का पालन करना चाहिए।