इस विधि से करें महेश नवमी की पूजा, होगी भोलेनाथ की विशेष कृपा
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में व्रत पूजा को बेहद ही खास माना जाता है वही महेश नवमी हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है इस बार महेश नवमी 9 जून दिन गुरुवार को है वेसे तो सभी शिव भक्तों के लिए महेश नवमी की पूजा अति महत्वपूर्ण होती है
परन्तु माहेश्वरी समाज के लिए हमेश नवमी बेहद ही खास है क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान शिव के आशीर्वाद से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी ऐसे में माहेश्वरी समाज इस तिथि को महेश जयंती बड़े धूम धाम से मनाते हैं। तो आज हम आपको इसे बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
महेश नवमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है इससे शिव भक्तों पर भगवान भोलेनाथ की कृपा होती है उनके कृपा से भक्तों के सभी कष्ट कट जाते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
महेश नवमी की तिथि—
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ— 8 जून दिन बुधवार को सुबह 8 बजकर 30 मिनट से
नवमी तिथि का समापन— 9 जून दिन गुरुवार को सुबह 8 बजकर 21 मिनट तक
उदया तिथि के अनुसार महेश नवमी 9 जून को मनाई जाएगी।
महेश नवमी की पूजन विधि—
आपको बता दें कि महेश नवमी, महेश जयंती के दिन प्रात: काल स्नान करके भगवान शिव की पूजा करें उसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें अब एक लोटे में जल बेलपत्र, धतूरा, फूल आदि लेकर भगवान शिव के मंदिर में जाकर जल अर्पित करें। ॐ नमः शिवाय का जाप करें शिव भक्त महेश नवमी के दिन व्रत भी रखते हैं इस व्रत में महोदव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है पूजा समाप्त होने के बाद उनकी आरती की जाती है उसके बाद प्रसाद वितरण किया जाता है।