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कब रखा जाएगा अचला सप्तमी व्रत, जानिए तारीख और पूजा विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व होता है वही अचला सप्तमी का व्रत बेहद खास माना जाता है पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सैर सप्तमी या अचला सप्तमी के नाम से जाना जाता है आपको बता दें कि इस व्रत का नाम सौर सप्तमी इसलिए पड़ा क्योंकि महिलाएं इस दिन सूर्य नारायण को प्रसन्न करने के लिए व्रत करती है। 

इस बार अचला सप्तमी का व्रत 28 जनवरी दिन शनिवार को किया जाएगा जो की बेहद खास माना जाता है मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा करने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि का आगमन होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अचला सप्तमी व्रत पूजा की विधि बता रहे है तो आइए जानते है। 

ज्योतिष अनुसार जो महिलाएं इससे पहले पड़ने वाले शीतला षष्ठी का भी व्रत रखती है उन्हें षष्ठी में केवल एक बार ही भोजन करना चाहिए। सप्तमी के दिन विधि पूर्वक सूर्य भगवान की पूजा करना शुभ होता है इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी, तालाब पर जाकर सिर पर दीपक धारण कर सूर्यदेव की स्तुति करते हुए भगवान को जल अर्पित करें जल देते वक्त सूर्यदेव के मंत्र या फिर गायंत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। 

वही स्नान के बा सूर्य की अष्टदली प्रतिमा बनाकर मध्य में शिव और पार्वती की स्थान कर पूजा करे। पूजन के बाद गरीबों व जरूरतमंदों को दान जरूर दें। फिर इसके बाद सूर्य और शिव पार्वती का विसर्जन कर घर आने के बाद गरीबों को भोजन कराएं और फिर खुद भी भोजन कर अपने व्रत का पारण करें मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से भगवान प्रसन्न होकर कृपा बरसाते है।