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कब मनाई जाएगी शीतला अष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में व्रत पूजा को बेहद ही खास माना जाता है वही चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है ये पर्व होली के ठीक आठवें दिन पड़ता हैं इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और लोग भी बासी भोजन ही ग्रहण करते है।

उत्तर भारत में इस त्योहार को बेहद महत्व होता है लोग सप्तमी की रात में ही मातारानी के लिए हलवा और पूड़ी का भोग तैयार कर लेते हैं और अष्टमी के दिन ये माता रानी को अर्पित किया जाता है कुछ जगहों पर गन्ने के रस में पकी रसखीर का भोग भी लगाया जाता है इसे भी एक रात पहले ही तैयार कर लिया जाता है इस बार बसौड़ा का पर्व 25 मार्च 2022 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा तो आज हम आपको इस दिन से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

जानिए शुभ मुहूर्त— चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 25 मार्च 2022 शुक्रवार को रात 12:09 एएम चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त 25 मार्च 2022 शुक्रवार रात 10:04 पीएम। 
  
जानिए महत्व—
शास्त्रों में शीतला माता को आरोग्य प्रदान करने वाली देवी बताया गया है इस दिन जो महिला माता का व्रत रखती है और उनका श्रद्धापूर्वक पूजन करती है उनके घर में धन धान्य आदि की कोई कमी नहीं रहती हैं उनका परिवार और बच्चे निरोगी रहते हैं उन्हें बुखार, खसर, चेचक, आंखों के रोग आदि समस्याएं नहीं होती हैं। 

जानिए पूजन की विधि—
सप्तमी की शाम को रसोई की साफ सफाई करने के बाद माता के लिए भोग और घर वालों के लिए भोजन तैयार करें अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर माता शीतला के समक्ष हाथ में पुष्प, अक्षत, रोली, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधि विधान से माता का पूजन करें उन्हें रोली, अक्षत, जल, पुष्प, दक्षिणा, वस्त्र, प्रसाद आदि अर्पित करें। बासी हलवा पूड़ी और खीर आदि का भोग लगाएं। शीतला स्त्रोत का पाठ करें, व्रत कथा पढ़ें और मातारानी से परिवार को निरोगी रखने की प्रार्थना जरूर करें।