×

कब रखा जाएगा ऋषि पंचमी व्रत, जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त और महत्व

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही धार्मिक तौर पर हमारे देश में ऋषियों का सम्मान करने के लिए ऋषि पंचमी का त्योहार बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है और इस दिन विधिवत ऋषियों की पूजा की जाती है यह पवित्र दिन खास तौर से सप्तर्षि के रूप में सम्मानित सात महान ऋषियों को समर्पित होता है। आपको बता दें कि ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी के पवित्र नाम से जाना जाता है

धार्मिक तौर पर इस दिन का विशेष महत्व होता है ऋषि पंचमी पर सप्त ऋषियों की पूजा आराधना की जाती है मान्यता है कि ऋषि पंचमी के दिन जो भी व्यक्ति ऋषियों की पूजा और स्मरण करते हैं उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना भी नहीं करना पड़ता है, इस बार ऋषि पंचमी 1 सितंबर को मनाया जाएगा। तो आज हम आपको ऋषि पंचमी से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

जानिए ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त- 
ब्रहम मुहूर्त- 1 सितंबर को प्रातः काल 4ः29 बजे से 5ः14 बजे तक
रवि योग- 1 सितंबर को प्रातः काल 5ः58 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- 1 सितंबर को 11ः55 से 12ः46 बजे तक
पंचमी तिथि आरंभ- 31 अगस्त 2022 को 3 बजकर 22 मिनट पर
पंचमी तिथि समापन- 1 सितंबर 2022 को 2ः49 बजे तक
ऋषि पंचमी 2022 पूजा मुहूर्त 1 सितंबर 2022 सुबह 11ः 05 मिनट से लेकर 1 बजकर 37 मिनट तक

जानिए इस दिन का धार्मिक महत्व-
हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं सप्त ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख शांति व समृद्धि के लिए पूजा आराधना और उपवास रखती है मान्यता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से अगर किसी स़्त्री से रजस्वला, महामारी के दौरान अगर कोई गलती हो जाती है तो इस व्रत को करने से उस भूल के दोष को समाप्त किया जा सकता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त की जा सकती है। 

ऋषि पंचमी पर करें इन मंत्रों का जाप-

ष्कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।

जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥

दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमःष्॥