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कब रखा जाएगा बहुला चतुर्थी व्रत, जानिए पूजा मुहूर्त और विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है इसे बहुला चैथ के नाम से भी जाना जाता है इस बार बहुला चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन भी किया जाएगा। इस साल बहुला चतुर्थी का व्रत 15 अगस्त दिन सोमवार को रखा जाएगा।

बहुला चतुर्थी का व्रत भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गाय की पूजा आराधना की जाती है ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर विधिवत तरीके से भगवान की पूजा और उपवास किया जाए तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं तो आज हम आपको बहुला चतुर्थी से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

इस दिन व्रत रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है ऐसा करने से निः संतान दम्पत्ति को संतान सुख की प्रापित होती है वही जो स्त्री संतान वाली हैं वे अपनी संतान की मंगल कामना के लिए यह व्रत पूजन करती है बहुला चतुर्थी के दिन ही संकष्टी चतुर्थी का भी व्रत किया जाएगा। संकष्टी चतुर्थी व्रत में भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना होती है ऐसे में बहुला चतुर्थी के दिन श्री कृष्ण के साथ प्रथम पूजनीय श्री गणेश की पूजा आराधना करने से व्रत पूजन का पुण्य कई गुना मिलता है। जीवन में आने वाले कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। 

जानिए बहुला चतुर्थी व्रत और तिथि-
भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी का आरंभ- 14 अगस्त दिन रविवार को 10ः35 बजे रात
भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी का समापन- 15 अगस्त सोमवार को 09ः01 बजे रात
बहुला चतुर्थी व्रत- उदयातिथि के आधार पर बहुला चतुर्थी व्रत 15 अगस्त को किया जाएगा। 

बहुला चतुर्थी पूजन मुहूर्त- 
पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11ः 59 से दोपहर 12ः 52 बजे तक है 
बहुला चतुर्थी का व्रत वाले दिन राहुकाल प्रातः 07ः 29 से 09ः08 तक है वही मान्यताओं के मुताबिक राहुकाल में पूजा पाठ करना अच्छा नहीं माना जाता है इस समय पूजा वर्जित मानी जाती है इसलिए राहुकाल के बाद या फिर उससे पहले बहुला चतुर्थी व्रत और पूजन करना अच्छा होता है ऐसा करने से व्रत पूजन का पुण्य फल भक्तों को मिलता है और ईश्वर की कृपा से सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती है।