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कल है अचला सप्तमी व्रत, जानिए पूजन की संपूर्ण विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व होता है वही कल यानी 28 जनवरी दिन शनिवार को अचला सप्तमी का व्रत किया जाएगा ये दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा आराधना को समर्पित होता है इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी का व्रत किया जाता है। 

इसे रथ सप्तमी, भानु सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से जाना जाता है इस दिन सूर्यदेव की विधिवत आराधना करते है और उनको जल अर्पित किया जाता है मान्यता है कि इस अगर पूरी भक्ति भाव के साथ भगवान की पूजा की जाए तो सूर्यदेव की कृपा बरसाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अचला सप्तमी से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है। 

अचला सप्तमी का मुहूर्त—
सप्तमी तिथि आरंभ— 27 जनवरी दिन शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर
सप्तमी तिथि समाप्त— 28 जनवरी 2023 दिन शनिवार को सुबह 8 बजकर 43 मिनट पर
अचला सप्तमी का स्नान मुहूर्त— 28 जनवरी की सुबह 5 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट तक। 

जानिए पूजन की विधि—
आपको बता दें कि अचला सप्तमी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें फिर तांबे के दीपक में तिल का तेल डालकर जलाएं और इस दीपक को सिर पर रखकर सूर्यदेव का ध्यान करें। फिर दीपक को नदी में प्रवाहित कर दें। पुष्प, धूप, दीपक, नैववेद्य और वस्त्र आदि से भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करें अब एक मिट्टी के बर्तन में गुड़ और घी सहित तिल का चूर्ण रख दें। इसे लाल वस्त्र से ढंककर किसी गरीब को दान करें। फिर भगवान सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप "सपुत्रपशुभृत्याय मेर्कोयं प्रीयताम्" करें फिर अपनी इच्छा अनुसार गरीबों व जरूरतमंदों को दान करें और व्रत पूजन का समापन करें।