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आज है योगिनी एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को खास माना जाता है वही पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा गया है इस दिन भगवान श्री विष्णु के निमित्त व्रत पूजा करने का विधान है इस साल योगिनी एकादशी का व्रत आज यानी 24 जून दिन शुक्रवार को रखा जा रहा है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर अश्वमेघ यज्ञ का जो फल होता है उससे सौगुना अधिक फल एकादशी व्रत करने वालो को प्राप्त होता है तो आज हम आपको योगिनी एकादशी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

जानिए शुभ मुहूर्त— 
योगिनी एकादशी तिथि आरंभ— 23  जून को रात 09 बजकर 40 मिनट से  
योगिनी एकादशी तिथि समाप्त— 24 जून को रात 11बजकर 13 मिनट तक

योगिनी एकादशी व्रत की पूजन विधि—
योगिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल मिलाकर स्नानकरें इसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठे और मंदिर में दीपक जलाएं। फिर भगवान श्री विष्णु को पंचामृत से अभिषेक कराएं व उनको फूल और तुलसी दल अर्पित करें इसके बाद भगवान श्री विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाकर कपूर से आरती करें इस दिन भगवान श्री विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा का भी विधान है

भगवान श्री विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस दिन आसमान के नीचे सांयकाल घरों, मंदिरों पीपल के पेड़ों और तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाएं। गंगा आदि पवित्र नदियों में दीप दान करना चाहिए रात्रि के समय भगवान श्री विष्णु की प्रसन्नता के लिए नृत्य, भजन कीर्तन और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है वह हजारों वर्ष तपस्या करने से भी प्राप्त नहीं होता है। 

योगिनी एकादशी कथा—
योगिनी एकादशी के सन्दर्भ में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को एक कथा सुनाई थी जिसमें राजा कुबेर के श्राप से कोढ़ी होकर हेममाली नामक यक्ष मार्कण्डेय ऋषिके आश्रम में जा पहुचां ऋषि ने योगबल से उसके दुखी होने का कारण जान लिया और योगिनी एकादशी व्रत करने की सलाह दी। यक्ष ने ऋषि की बात मान कर व्रत किया और दिव्य शरीर धारण कर स्वर्गलोक चला गया।