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इस बार शुभ योगों में मनाया जाएगा कजरी तीज का त्योहार, जानिए पूजा विधि

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में तीज त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुरुआत आज यानी 12 अगस्त दिन शुक्रवार से हो चुकी है वही आज से हिंदू धर्म का छठा महीना भाद्रपद का आरंभ हो गया है इस महीने में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं भाद्रपद मास को आम बोलचाल की भाषा में भादों भी कहा जाता है भादों के कृष्ण की की तृतीया तिथि को कजरी तीज का त्योहार बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है इस पवित्र दिन पर महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कजरी तीज का उपवास रखती है

कजरी तीज को कजली तीज, बूढ़ी तीज और सूतड़ी तीज के नामों से जाना जाता है यह पर्व विशेष तौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है इस बार कजरी तीज का त्योहार 14 अगस्त दिन रविवार को पड़ रहा है इस पवित्र दिन पर देवी मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा की जाती है इस दिन महिलाएं उपवास रखती है और सोलह श्रृंगार भी करती है, तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा कजरी तीज व्रत से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

जानिए कजरी तीज का मुहूर्त और तिथि-
पंचांग के मुताबिक कजरी तीज का पर्व कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाएगा। वही तृतीया तिथि का आरंभ 13 अगस्त देर रात 12 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है और 14 अगस्त रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार कजरी तीज का त्योहार 14 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा। 

कजरी तीज की पूजा विधि-
आपको बता दें कि कजरी तीज का त्योहार अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है इस दिन शादीशुदा महिलाएं निर्जला उपवास रखती है और शुभ मुहूर्त में मिटटी से माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा बनाई जाती है एक चैकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर मां पार्वती और भोलेबाबा को स्थापित किया जाता है फिर शिव जी को गंगाजल, गाय का दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद पुष्प, फल, चंदन, शहद, धूप, दीपक अर्पित किया जाता है फिर कथा का पाठ किया जाता है और भगवान को भोग लगाया जाता है उसके बाद देवी मां और शिव से प्रार्थना की जाती है पूजा पाठ पूर्ण होने पर प्रसाद सभी को दिया जाता है।