×

सोमवती अमावस्या के दिन बन रहा सुकर्मा और धृति योग, जानिए महत्व और मुहूर्त

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार एक माह में एक अमावस्या होती है इस तरह साल में कुल 12 अमावस्या होती है इनमें से जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं वैसे तो हिंदू धर्म में हर अमावस्या का विशेष महत्व होता है परंतु जब यही अमावस्या सोमवार को होती है

तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या 30 मई को पड़ रही है इस बार इस सोमवती अमावस्या के दिन दो अति विशिष्ट योग का निर्माण हो रहा है जिसके कारण इस सोमवती अमावस्या का खास महत्व है, तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

पंचांग के अनुसार साल 2022 की आखिरी सोमवती अमावस्या के दिन सुकर्मा व धृति योग के शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है दूसरी खास बात यह है कि इस दिन वट सावित्री व्रत भी है सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत दोनों में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और उनके सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती है इस व्रत में भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और बरगद पेड़ के साथ उसकी 108 बार परिक्रमा की जाती है। 

सोमवती अमावस्या पर बन रहे शुभ योग—
सोमवती अमावस्या यानी 30 मई के दिन सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सुकर्मा योग उसके बाद धृति योग शुरू होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सुकर्मा योग में किए गए कार्यों में सफलता जरूर मिलती है इस योग को खासकर नौकरी बदलने व मांगलिक कार्य करने के लिए शुभ माना जाता है ज्योतिष में धृति योग को किसी भवनऔर स्थान का शिलान्यास, भूमि पूजन या नींव पत्थर रखने के लिए उत्तम माना गया है इस योग में रखा गया नींव पत्थर आजीवन सुख सुविधाएं प्रदान करता है।