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कल मनाई जाएगी सिंह संक्रांति, जानिए इस दिन घी के सेवन का महत्व

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म और ज्योतिष में संक्रांति को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है वही इस बार सिंह संक्रांति कल यानी 17 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष अनुसार हर महीने सूर्य का राशि परिवर्तन होता है ग्रहों के राजा सूर्यदेव 17 अगस्त को सुबह 7 बजकर 14 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश करने जा रहे है इस परिवर्तन को ही सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है

सिंह संक्रांति के दिन भगवान सूर्यदेव के साथ श्री हरि विष्णु और नरसिंह भगवान की विधिवत पूजा आराधना की जाती है इस दिन स्नान दान का भी विशेष महत्व होता है ऐसा कहा जाता है कि सिंह संक्रांति के दिन स्नान और दान करने के बाद घी का सेवन करना बेहद जरूरी है तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा सिंह संक्रांति पर किए जाने वाले घी के सेवन से जुड़ी जरूरी बातें आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

आपको बता दें कि सिंह संक्रांति का त्योहार विशेष तौर पर दक्षिण भारत में मनाया जाता है इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर सूर्यदेव की पूजा करने से बल, यश, वैभव, धन संपत्ति की प्राप्ति होती है इस दिन सच्चे मन से विष्णु जी और नरसिंह देव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है सिंह संक्रांति के शुभ दिन पर भगवान सूर्यदेव की विधि विधान से पूजा करने और जल अर्पित करने भक्तों को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है और समृद्धशाली जीवन भी प्राप्त होता है। 

सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन करने की विशेष पंरपरा है इसलिए इसे घी संक्रांति भी कहा जाता है सिंह संक्रांति के दिन गाय के घी का सेवन करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं कहा जाता है कि इस दिन घी खाने से कुंडली में राहु केतु के अशुभ प्रभाव कम हो जाते है। इस दिन घी का सेवन करने से स्मरण शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है, जातक की बुद्धि तीव्र होती है मान्यता है कि जो लोग सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन नहीं करते हैं वे अगले जनम में घोंघे के रूप में पैदा होते हैं इस लिए हर किसी को इस दिन घी का सेवन जरूर करना चाहिए इससे कई लाभ आपको प्राप्त होंगे।