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ऋषि पंचमी आज, जानिए पूजन की संपूर्ण विधि और नियम

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः आज यानी 1 सितंबर दिन गुरुवार को ऋषि पंचमी का व्रत किया जा रहा है ये व्रत महिलाओं के लिए बेहद ही खास होता है पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है आपको बता दें कि यह व्रत सप्त ऋषियों को समर्पित किया गया है इस दिन सप्त ऋषि की विधिवत पूजा की जाती है और उनकी कथा का पाठ भी होता है

ऋषि पंचमी व्रत पूजन में दान दक्षिणा देने का भी खास महत्व होता है मान्यता है कि इस दिन अगर विधिवत तरीके से पूजा अर्चना की जाए तो सप्त ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं इस दिन महिलाएं सुबह स्नान आदि करके सप्त ऋषियों की पूजा करती है तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा सप्त ऋषियों की पूजन विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 


 
जानिए ऋषि पंचमी मुहूर्त-
हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 31 अगस्त दिन बुधवार को दोपहर 3ः22 बजे से आरंभ हो चुकी है और 1 सितंबर 2022 की दोपहर 2ः49 बजे तक रहेगी इस साल ऋषि पंचमी व्रत की पूजा करने का विशेष मुहूर्त 1 सितंबर दिन गुरुवार यानी की आज सुबह 11ः05 बजे से दोपहर 1ः37 बजे तक ही है ऐसे में इस शुभ मुहूर्त में सप्त ऋषियों की पूजा आराधना करना लाभकारी होता है। 

ऋषि पंचमी व्रत पूजन की संपूर्ण विधि-
आपको बता दें कि ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं के लिए बेहद ही खास होता है इस व्रत में एक समय भोजन किया जाता है व्रत का पारण पूजा के बाद फल और मेवों से करना उचित होता है इस दिन व्रत पूजन से पहले सुबह उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प करें फिर सप्त ऋषियों मरीचि, वशिष्ट, अंगिरा, अत्रि, पुलत्स्य, पुलह और क्रतु, की पूजा आराधना विधिवत करें। इसके लिए आप शुभ समय में घर के पूजन स्थल की सफाई करके एक चैकी पर हल्दी कुमकुम से चैकोर मंडल बना लें

इस मंडल पर सप्त ऋषियों को वस्त्र, चंदन, जनेउ, पुष्प फल अर्पित कर मिठाइयों का भोग लगाएं इसके बाद धूप दीपक जलाकर ध्यान करें अंत में ऋषि पंचमी व्रत की कथा का पाठ करें मान्यता है कि ऋषि पंचमी व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब इसकी कथा का पाठ किया जाए तो इसलिए पूजा के समापन पर कथा जरूर पढ़ें या फिर सुनें तभी व्रत पूजन का पूर्ण फल आपको प्राप्त होगा।