आज मनाया जा रहा भुजरिया पर्व, जानिए इस दिन का महत्व
ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही कल यानी 11 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया है और आज यानी 12 अगस्त को भुजरिया का पर्व मनाया जा रहा है बता दें कि श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाने के बाद उसके अगले दिन भद्रपद महीने की प्रतिपदा को भुजरिया का पर्व मनाया जाता है
भुजरिया पर्व में लोग एक दूसरे से मिलकर उन्हें गेहूं की भुजरिया देते हैं और इस पर्व की शुभकामनाएं भी देते हैं ये त्योहार अच्छी वर्षा होन, फसल होने और जीवन में सुख समृद्धि की कामना के साथ यह त्योहार मनाया जाता है आपको बता दें कि भुजरिया का त्योहार बुंदेलखंड में सबसे अधिक धूमधाम के साथ मनाया जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा भुजरिया पर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बता दें कि भुजरिया पर्व के दिन लोग गेहूं और जौ के दानों से भुजरिया उगाते हैं इसके लिए लोग श्रावण मास की अष्टमी और नवमी तिथि को बांस की छोटी टोकरियों में मिटटी बिछाकर गेहूं या जौं के दाने बोए जाते हैं और उनमें रोजाना पानी डाला जाता है वही पूरे एक सप्ताह में इनमें अंकूर फूट जाते हैं और भुजरिया उग आती है फिर भुजरिया पर्व के दिन इसी भुजरिया को एक दूसरे में बांटा जाता है और अपने से बड़ों का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद भी लिया जाता है
आपको बता दें कि इस पर्व में भुजरियों की पूजा भी हाती है जिससे इस साल अच्छी बारिश हो और फसल भी अच्छी हो सके जिससे घर में धन धान्य हमेशा भरा रहेगा। आपको बता दें कि एक सप्ताह में उगाई जाने वाली ये भुजरिया चार से छह इंच की होती है और नई फसल का प्रतीक मानी जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजा आल्हा उदल की बहन चंदा जब श्रावण मास के पवित्र महीने में नगर आई थी तो वहां के लोगों ने कजलियों से उनका स्वागत किया था तभी से यह विशेष पंरपरा चली आ रही है इस दिन को लोग बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं।