×

विराट कोहली-रोहित शर्मा को IPL में देखना हुआ महंगा, दुनिया की सबसे अमीर लीग IPL पर अब लगेगा 40% GST

 

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग कही जाने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) अब भारत की सबसे ऊंची कर श्रेणी में आ गई है। केंद्र सरकार द्वारा किए गए जीएसटी ढांचे (GST Overhaul) में बदलाव के बाद आईपीएल और अन्य प्रीमियम खेल आयोजनों के टिकटों पर अब 40% जीएसटी लगाया जाएगा। पहले यह दर 28% थी। इसका सीधा असर क्रिकेट प्रेमियों की जेब पर पड़ेगा। स्टेडियम में जाकर मैच का रोमांच लेना अब पहले से कहीं महंगा हो गया है।

टिकटों पर जीएसटी का नया बोझ

सरकार के इस फैसले से आईपीएल टिकटों की कीमत में सीधे-सीधे उछाल आ गया है। उदाहरण के तौर पर:

  • पहले 1000 रुपये के टिकट पर 28% जीएसटी लगता था यानी टिकट की कुल कीमत 1280 रुपये होती थी।

  • अब वही टिकट 40% टैक्स के बाद 1400 रुपये का पड़ेगा। यानी हर 1000 रुपये के टिकट पर फैंस को 120 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

यानी 10% की सीधी बढ़ोतरी।

विभिन्न टिकट श्रेणियों में बदलाव इस तरह है:

  • 500 रुपये का टिकट अब 700 रुपये में मिलेगा (पहले 640 रुपये था)

  • 1000 रुपये का टिकट अब 1400 रुपये में मिलेगा (पहले 1280 रुपये था)

  • 2000 रुपये का टिकट अब 2800 रुपये का हो जाएगा (पहले 2560 रुपये था)

क्यों बढ़ा टैक्स?

नई जीएसटी दरों के तहत आईपीएल और अन्य महंगे खेल आयोजनों को अब लक्जरी और गैर-जरूरी (Non-Essential & Luxury) श्रेणी में रखा गया है। इस श्रेणी में पहले से ही कैसिनो, रेस क्लब और लग्जरी सामान शामिल हैं। सरकार का मानना है कि प्रीमियम स्पोर्ट्स इवेंट्स मनोरंजन के "उच्च वर्गीय उपभोग" का हिस्सा हैं और इस पर अधिक कर लगाया जाना उचित है। यह बदलाव दर्शाता है कि सरकार खेल मनोरंजन, विशेषकर आईपीएल जैसे इवेंट्स, को अब “सिन गुड्स” और हाई-एंड डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग की श्रेणी में देख रही है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह टैक्स दर सिर्फ आईपीएल और प्रीमियम लीग्स पर लागू होगी। साधारण क्रिकेट मैचों (जैसे घरेलू सीरीज, अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय मुकाबले) के टिकटों पर जीएसटी की दर अभी भी 18% ही रहेगी। यानी, एक तरफ जहां आईपीएल मैच देखने के लिए फैंस को जेब ढीली करनी पड़ेगी, वहीं टीम इंडिया के टेस्ट, वनडे या टी20 मैच अपेक्षाकृत सस्ते बने रहेंगे।

फिल्मों के टिकट पर राहत

दिलचस्प यह है कि जहां क्रिकेट फैंस के लिए टिकट महंगे हो गए हैं, वहीं फिल्म प्रेमियों को राहत दी गई है।

  • 100 रुपये तक की फिल्म टिकट पर जीएसटी घटाकर 12% से 5% कर दिया गया है।

  • 100 रुपये से ऊपर के टिकटों पर पहले की तरह 18% जीएसटी ही लागू होगा।

यानी अब सिंगल स्क्रीन या छोटे थिएटरों में फिल्म देखना सस्ता होगा, लेकिन आईपीएल का लाइव रोमांच और महंगा।

दर्शकों पर असर

स्टेडियम में मैच देखने जाना पहले से ही एक महंगा शौक माना जाता था। टिकट की कीमत के अलावा:

  • ऑनलाइन बुकिंग फीस,

  • पार्किंग चार्ज,

  • स्टेडियम के भीतर खाने-पीने का खर्च,

पहले ही फैंस की जेब ढीली कर देते थे। अब 40% जीएसटी लागू होने से एक औसत दर्शक को हर मैच में सैकड़ों रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। खासकर मध्यम वर्गीय और युवा दर्शकों के लिए, जो सालों से आईपीएल के टिकट खरीदकर स्टेडियम जाते थे, यह फैसला उनके बजट को प्रभावित करेगा।

आईपीएल फ्रेंचाइजियों और बीसीसीआई पर असर

विशेषज्ञ मानते हैं कि टैक्स बढ़ने से आईपीएल टिकटों की बिक्री पर असर पड़ सकता है।

  • महंगे टिकट वाले कॉर्पोरेट बॉक्स और वीआईपी स्टैंड्स पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि वहां दर्शक पहले से ही उच्च आय वर्ग के हैं।

  • लेकिन निचली श्रेणी के टिकट, जिन पर आम फैंस निर्भर करते हैं, उनकी मांग में कमी आ सकती है।

हालांकि, बीसीसीआई और फ्रेंचाइजियों की आमदनी का बड़ा हिस्सा स्पॉन्सरशिप और ब्रॉडकास्टिंग डील्स से आता है। इसलिए उन्हें सीधा नुकसान कम होगा। लेकिन दर्शकों की मौजूदगी से जुड़ा माहौल और "स्टेडियम एक्सपीरियंस" जरूर प्रभावित हो सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार का यह कदम राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ लक्जरी खपत पर नियंत्रण का प्रयास है।

  • प्रोफेसर एस.के. गुप्ता (कर विशेषज्ञ) के अनुसार: “आईपीएल टिकट अब तंबाकू, शराब और कैसिनो जैसी श्रेणी में आ गए हैं। यह संदेश है कि सरकार इसे ‘मनोरंजन विलासिता’ मानती है, न कि ‘आवश्यक खेल गतिविधि’।’’

  • वहीं खेल उद्योग से जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला लंबे समय में दर्शक संख्या घटा सकता है। खासकर युवा और छात्र वर्ग पर इसका असर ज्यादा होगा।

अंतरराष्ट्रीय तुलना

दुनिया की अन्य लीग्स, जैसे इंग्लैंड की प्रीमियर लीग (EPL) या अमेरिका की NBA, में टिकटों पर टैक्स दरें अपेक्षाकृत कम हैं। वहां सरकारें खेलों को सार्वजनिक मनोरंजन और सांस्कृतिक गतिविधि मानकर प्रोत्साहित करती हैं। इसके उलट, भारत में आईपीएल को अब लक्जरी उत्पादों की श्रेणी में डाल दिया गया है। आईपीएल का जादू हर साल करोड़ों दर्शकों को टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर खींच लाता है, लेकिन स्टेडियम जाकर लाइव मैच देखने वालों के लिए अब यह और महंगा हो गया है। 40% जीएसटी दर ने आईपीएल को देश की सबसे ऊंची टैक्स श्रेणी में डाल दिया है, जिससे हर टिकट की कीमत में 10% तक का अतिरिक्त बोझ जुड़ गया है। जहां एक ओर यह फैसला सरकार के लिए राजस्व जुटाने का साधन है, वहीं दूसरी ओर आम क्रिकेट प्रेमी को यह सोचने पर मजबूर कर देगा कि क्या स्टेडियम जाकर मैच देखना अब भी किफायती है।