क्या सच हो रही है बाबा वेंगा की महाप्रलय वाली भविष्यवाणी? जोरदार भूकंप के बाद सुनामी का कहर
रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप और इसके बाद सुनामी अलर्ट ने जापान समेत कई हिस्सों में दहशत फैला दी। खास बात यह रही कि इस आपदा के कुछ ही हफ्ते पहले जापानी मंगा कलाकार रियो तात्सुकी (Ryo Tatsuki), जिन्हें “न्यू बाबा वांगा” कहा जाता है, की भविष्यवाणी फिर चर्चा में आ गई।
25 दिन पुरानी भविष्यवाणी चर्चा में
रियो तात्सुकी का लोकप्रिय मंगा “वाताशी गा मिता मिराई” (The Future I Saw) पहली बार 1999 में प्रकाशित हुआ था। इसमें पहले भी कई बड़ी घटनाओं जैसे प्रिंसेस डायना और फ्रेडी मर्करी की मौत, कोविड-19 महामारी, और सबसे अहम 2011 के जापान भूकंप और सुनामी का संकेत बताया गया है। इस साल मंगा के प्रशंसकों ने जुलाई 2025 में किसी बड़े हादसे की आशंका जताई थी। खासकर 5 जुलाई 2025 की तारीख को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई, लेकिन उस दिन कुछ नहीं हुआ और चर्चा ठंडी पड़ गई। हालांकि, रूस में आए इस भीषण भूकंप और सुनामी अलर्ट के बाद लोग मान रहे हैं कि भविष्यवाणी 25 दिन बाद सच हो गई।
एक यूजर ने लिखा,
“8.8 तीव्रता का भूकंप, 3 फीट ऊंची सुनामी और जापानी तट पर खतरा… रियो तात्सुकी ने फिर से सही भविष्यवाणी की! सुरक्षित रहो, जापान।”
दूसरे ने कहा,
“सटीक तारीख नहीं, लेकिन रियो तात्सुकी का सम्मान करना चाहिए।”
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह रूस के फॉर ईस्ट इलाके में 1952 के बाद का सबसे बड़ा भूकंप था। भूकंप का केंद्र पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की (Petropavlovsk-Kamchatsky) शहर से लगभग 125 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था। 19.3 किलोमीटर की गहराई में आए इस भूकंप को शुरुआत में 8.0 आंका गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 8.8 किया गया। रूस के कामचटका तट पर 3-4 मीटर (10–13 फीट) ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गईं।
भूकंप के तुरंत बाद जापान के प्रशांत तट पर सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया। जापान मौसम एजेंसी (JMA) ने चेतावनी दी कि 3 मीटर (10 फीट) तक ऊंची लहरें आ सकती हैं। हालांकि, अब तक जापान के होक्काइडो द्वीप पर केवल 30 सेंटीमीटर ऊंची लहरें दर्ज की गई हैं और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जापान सरकार ने एहतियातन टास्क फोर्स गठित कर ली है।
सोशल मीडिया पर कई लोग अब रियो तात्सुकी की भविष्यवाणियों को गंभीरता से देखने लगे हैं। कुछ लोगों ने चेतावनी दी है कि
हालांकि वैज्ञानिक इन भविष्यवाणियों को संयोग मान रहे हैं और कह रहे हैं कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करना काफी जटिल और अनिश्चित होता है।