बर्थडे स्पेशल: अनिल कपूर के साथ काम करना नाना पाटेकर को पड़ता था भारी, सेट पर उनकी 'आवाज' से हो जाते थे नाराज
मुंबई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। 70 के दशक में कई बड़े स्टार्स हुए, जिन्होंने अपनी लंबी कदकाठी और खूबसूरत चेहरे से पर्दे के अलावा लोगों के दिलों में भी जगह बनाई, लेकिन उनके उलट जिद्दी, लंबे और पतले से दिखने वाले दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर ने भी पर्दे पर एंट्री ली और अपनी अदायगी से छा गए।
अभिनेता थिएटर की दुनिया के बड़े स्टार्स थे, जो अपने करियर में 1200 से ज्यादा स्टेज शो कर चुके हैं। अभिनेता नाना पाटेकर का 1 जनवरी को 75वां जन्मदिन है।
मुरुद जंजीरा (महाराष्ट्र) में जन्मे नाना पाटेकर अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने व्यवहार के लिए भी जाने गए। वे हमेशा हर मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं और उन्हें फिल्मों के दौरान सेट पर भी उनके चिड़चिड़े और गुस्सैल स्वभाव के लिए जाना जाता रहा है। वे तब तक किसी फिल्म के लिए 'हां' नहीं करते हैं, जब तक वे राइटर के साथ बैठकर बात न कर लें और स्क्रिप्टिंग में अपने मनानुसार बदलाव न कर लें। इन सब आदतों की वजह से नाना पाटेकर ने हमेशा आलोचनाओं का सामना किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिनके व्यवहार और स्वभाव की हमेशा आलोचना हुई, उन्हें सिर्फ एक शख्स ही परेशान करता था और वे हैं अभिनेता अनिल कपूर?
अनिल कपूर और नाना पाटेकर ने साथ में 4 फिल्में की हैं, जिनमें 'परिंदा', 'हाउसफुल-5', 'वेलकम', और 'वेलकम बैक' शामिल हैं। इन चारों फिल्मों में नाना और अनिल को साथ देखा गया, लेकिन सेट पर अनिल कपूर की हरकतों से नाना पाटेकर परेशान हो जाते थे। अनिल कपूर को माइक से प्यार है और जहां भी सेट पर उन्हें माइक मिल जाता था, तो वे माइक लेकर 'हां', 'ना', 'ये क्या हो रहा है', और 'बिल्कुल सही' जैसे शब्द बोलते थे। एक तरफ फिल्म का सीन शूट हो रहा होता और दूसरी तरफ कानों में अनिल कपूर की 'हां-हां' और 'सही है, की आवाज आ रही होती।
अभिनेता नाना पाटेकर ने खुद इंटरव्यू में बताया था कि अनिल कपूर और माइक दोनों से भगवान बचाए, क्योंकि माइक हाथ में आते ही वे हमारे कानों में दर्द देने वाले काम करते थे। उन्होंने कहा था कि हर सीन में माइक लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते थे और हमारे कानों में तेज आवाज आती थी। मैं तो हमेशा सेट पर कहता था कि इसको माइक मत दो यार।
थिएटर से निकलकर फिल्म 'गमन' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले नाना पाटेकर को फिल्मों में लाने का श्रेय स्मिता पाटिल को जाता है, जिन्होंने थिएटर में उनके हुनर को पहचाना था और फिल्मों में भी काम दिलाया था। नाना पाटेकर हमेशा अपने फिल्मी करियर का श्रेय स्मिता पाटिल को देते हैं। 'गमन' के बाद उन्हें 'क्रांतिवीर', 'तिरंगा', 'परिंदा', और 'अग्निसाक्षी' जैसी सुपरहिट फिल्मों में देखा गया, और आखिरी बार उन्हें साल 2024 में फिल्म 'वनवास' में देखा गया था।
--आईएएनएस
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